पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुज़फ्फरनगर जिले के खतौली के रहने वाले अरीब अहम अब इसरो में अपनी सेवाएं देंगे. वैज्ञानिक के पद पर सलेक्शन होने के बाद उनके पूरे खतौली में खुशी की लहर दौड़ गई
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नई दिल्ली: कहते हैं कि अगर किसी चीज का पाने के लिए शिद्दत से मेहनद की जाए तो वो एक ना एक दिन आपको मिलकर रहती है. ऐसा ही कुछ कर दिखाया है जामिया मिल्लिया इस्लामिया से बीटैक करने वाले अरीब अहमद ने. अरीब अहमद ने अपनी कड़ी मेहनत के बलबूते पर इसरो (ISRO) में वैज्ञानिक का पद हासिल कर लिया है.
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुज़फ्फरनगर जिले के खतौली के रहने वाले अरीब अहम अब इसरो में अपनी सेवाएं देंगे. वैज्ञानिक के पद पर सलेक्शन होने के बाद उनके पूरे खतौली में खुशी की लहर दौड़ गई. काजी महताब जिया और श्रीमती नाजरीन के बेटे अरीब ने इंटरमीडिएट की शिक्षा गोल्डन हार्ट एकेडमी से हासिल की थी. इसके बाद दिल्ली की जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी से बीटैक किया.
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एक खबर के मुताबिक अरीब अहमद के पिता काजी जिया बताते हैं कि इंटरमीडिएट की परीक्षा पास करने के बाद उनके बेटे की ख्वाहिश थी कि वो एक वैज्ञानिक बनें. उन्होंने बताया कि इसके अरीब ने दिन रात मेहनत की और हमेशा अपनी इस ख्वाहिश को पाने की जिद्दोजहद में लगा रहता था.
इसके अलावा जामिया के पूर्व छात्र मोहम्मद काशिफ ने वैज्ञानिक या इंजीनियर एससी मैकेनिकल (पोस्ट नंबर बीई-002) पद के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) केंद्रीकृत भर्ती बोर्ड-2019 परीक्षा में पहला मकाम हासिल किया है. काशिफ ने साल 2019 में जामिया से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया था.
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