उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान यूपी से दिल्ली लौटते वक्त हापुर में बदमाशों ने ओवैसी को मारने की नियत से उनकी कार पर गोली चलाई थी, जिसमें ओवैसी बाल-बाल बच गए थे. इसके बाद आरोपियों को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जमानत पर रिहा कर दिया था, जिसे ओवैसी ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.
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नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने इस साल फरवरी में उत्तर प्रदेश में एआईएमआईएम सद्र असदुद्दीन ओवैसी की गाड़ी पर गोली चलाने वाले दो मुल्जिमों को जमानत देने के इलाहाबाद हाई कोर्ट के हुक्म को शुक्रवार को खारिज कर दिया है, और आरोपियों को आत्मसमर्पण के लिए एक सप्ताह का वक्त दिया है. शीर्ष अदालत ने कहा कि हाई कोर्ट ने कथित अपराध की गंभीरता पर विचार नहीं किया है. जस्टिस एम आर शाह और न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश की बेंच ने कहा कि हाई कोर्ट ने जमानत देते हुए कोई वजह नहीं बताया.
मुल्जिमों को सरेंडर करने का हुक्म
शीर्ष अदालत ने मामले में नए सिरे से विचार के लिए उसे हाई कोर्ट को वापस भेज दिया है और आरोपियों सचिन शर्मा और शुभम गुर्जर को एक सप्ताह के अंदर पुलिस के सामने सरेंडर करने का हुक्म दिया है. शीर्ष अदालत ने हाई कोर्ट को भी दोनों आरोपियों की जमानत अर्जियों पर उनके सरेंडर करने की तारीख से चार सप्ताह के अंदर फैसला करने का निर्देश दिया है.
ओवैसी के कत्ल की कोशिश की गई थी
गौरतलब है कि ओवैसी ने शीर्ष अदालत में अपनी याचिका में मुल्जिमों को दी गई जमानत को चुनौती देते हुए कहा कि यह घृणा अपराध का सटीक मिसाल है, जिसमें हत्या की कोशिश की गई और निशाना एक सांसद था. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के सद्र ओवैसी की कार पर तीन फरवरी को हापुड़ इलाके में उस वक्त हमला किया गया था जब वह राज्य में विधानसभा चुनाव से मुतअल्लिक इजलास में शामिल होकर दिल्ली लौट रहे थे. घटना में कथित संलिप्तता के मामले में शर्मा, गुर्जर और आलिम को गिरफ्तार किया था.
मुल्जिम ने जेल से बाहर आने पर गंभीर नतीजे भुगतने की धमकी दी थी
शीर्ष अदालत ने सितंबर में तीसरे मुल्जिम आलिम को दी गई जमानत को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया था. ओवैसी ने अपनी याचिका में कहा कि मुल्जिम सचिन ने जमानत पर बाहर आने के बाद फिर से याचिकाकर्ता को गंभीर नतीजे भुगतने की धमकी दी थी. याचिका में कहा गया कि सार्वजनिक रूप से दिया गया वह बयान गंभीर है, और इस पर संज्ञान लेने की जरूरत है. इसमें कहा गया कि इससे भी खास बात यह है कि मुल्जिम ने अपनी संलिप्तता से इनकार नहीं किया है, बल्कि ऐसा लगता है कि वह इस गुनाह को करने में फख्र महसूस कर रहा है.
सीसीटीवी फुटेज में दर्ज है पूरी वारदात की रिकॉडिंग
याचिका में यह भी कहा गया कि ओवैसी मुल्जिम द्वारा हत्या के इस प्रयास की घटना का शिकार थे, जिसकी गतिविधि सीसीटीवी में दर्ज की गई थी. यह सीसीटीवी फुटेज अब मामले में चार्जशीट का हिस्सा है. मुल्जिमों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने कहा कि उनके पास से दो पिस्तौल जब्त की गईं और एक मारुति आल्टो कार भी जब्त की गई थी. मामले में पिलखुआ थाने में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 307 (हत्या का प्रयास) समेत अनेक प्रावधानों के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था.
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