Barmer: उमराह करके लौटे ज़ायरीन के दल का बाड़मेर पहुंचने पर शानदार स्वागत किया गया. इस मौक़े पर बड़ी संख्या में लोगों ने ज़ायरीन को फूल माला पहनाकर अपनी ख़ुशी ज़ाहिर की.
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Barmer News: राजस्थान के शहर बाड़मेर में उमराह करके लौटे ज़ायरीन के एक दल का शानदार इस्तक़बाल किया गया. ज़ायरीन की वतन वापसी पर लोगों ने उन पर पुष्प वर्षा की और उनका स्वागत किया. इस दौरान हर एक के लब पर हिंदुस्तान ज़िंदाबाद के नारे ज़ोर शोर से सुनाई दे रहे थे. ज़ायरीन ने भी स्वागत करने पर लोगों का शुक्रिया अदा किया. इस मौक़े पर काफ़ी बड़ी तादाद में लोगों की भीड़ नज़र आई. हर कोई काफी भावुक नज़र आया. लोगों ने ज़ायरीन से कहा कि दुआ करें कि हम लोगों को भी पवित्र मक्का-मदीना की ज़ियारत नसीब हो और हम भी जल्द ही उमराह करने जाएं.
"ज़ियारत करने से दिल को सुकून मिलता है"
इस अवसर पर थार मुस्लिम एजुकेशन वेलफेयर सोसायटी सहित कई संगठन और कमेटियों द्वारा 'स्नेह मिलन कार्यक्रम' आयोजित किया गया. जामा मस्जिद के पेश इमाम मौलाना लाल मोहम्मद सिद्दीक़ी ने कहा कि मक्का-मदीना की जियारत हर मोमिन की तमन्ना होती है और वो हर मुमकिन कोशिश करता है कि इस पवित्र जगह जाकर अपनी हाज़िरी दर्ज कराए. उन्होंने कहा कि हर मोमिन का मानना है कि मक्का-मदीना की ज़ियारत करने से दिल को सुकून मिलता है. मौलाना लाल मोहम्मद सिद्दीक़ी ने कहा कि उमराह और ज़ियारत करने से ईमान ताज़ा होता है.
"आपस में एकता बढ़ती है"
सोसाइटी के संयोजक अबरार मोहम्मद और हारून कोटवाल ने कहा कि मक्का-मदीना की ज़ियारत से सामाजिक समरसता को बढ़ावा मिलता है और आपसी रिश्ते मज़बूत होते हैं. हमारे देश में तमाम मज़हब के लोग आपस में मिल जुल कर रहते हैं और हर कोई एक दूसरे का सम्मान करता है, जो हमारे मुल्क की ख़ूबसूरती को दर्शाता है. मुस्लिम युवा कमेटी के ख़ज़ाची अज़हरुद्दीन क़ुरैशी, आसिफ क़ुरैशी, अब्दुल रशीद ने बताया कि तमाम ज़ायरीन ने मक्का-मदीना में अपने वतन हिन्दुस्तान के अमन- चैन, एकता और तरक़्क़ी की दुआएं मांगी.
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