हिंदू-मुस्लिम मिलकर बनाते हैं देश के सबसे बड़े ताजिए को, कारीगरी और सजावट देखकर हो जाएंगे हैरान!
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हिंदू-मुस्लिम मिलकर बनाते हैं देश के सबसे बड़े ताजिए को, कारीगरी और सजावट देखकर हो जाएंगे हैरान!

Biggest Tajiya in india: इस ताजिए को बनाने के लिए कारीगरों ने अजमेर चिश्ती की दरगाह से गुलाब के फूल मंगाए हैं. इस ताजिए का निर्माण हिंदू-मुस्लिम मिलकर करते हैं. इसे आगरा का सबसे बड़ा ताजिया के रूप में जाना जाता है. फूल से बने इस ताजिए को गुलाब के फूल से सजाया जाएगा. 

हिंदू-मुस्लिम मिलकर बनाते हैं देश के सबसे बड़े ताजिए को, कारीगरी और सजावट देखकर हो जाएंगे हैरान!

India's Biggest Tajiya: मोहर्रम का त्योहार पूरे देश में मनाया जाता है. इस त्योहार में लोग जुलूस और ताजिए भी निकालते हैं. लेकिन जैसे ही बात ताजिए की आती है, लोगों के दिमाग में सबसे पहले आगरा का ख्याल आता है.  आगरा के इमामबाड़ों में मुगल के जमाने से ताजिया बनाया जा रहा है. इस काम में हिंदू समाज के लोग भी मुसलमान का दिल खोलकर मदद करते हैं. इस बार भी आगरा में फूलों की मदद से एक विशाल ताजिए का निर्माण किया गया है, जिसे मोहर्रम की चांद के मुताबिक कल यानी 14 जुलाई को आगरा के बड़े इमामबाड़ें में रखा गया.  

इस ताजिए को बनाने के लिए कारीगरों ने अजमेर चिश्ती की दरगाह से गुलाब के फूल मंगाए हैं. इस ताजिए का निर्माण हिंदू-मुस्लिम मिलकर करते हैं. इसे आगरा का सबसे बड़ा ताजिया के रूप में जाना जाता है. फूल से बने इस ताजिए को गुलाब के फूल से सजाया जाएगा. 

आगरा ताजिया कमेटी से जुड़े एक शख्स समी आगाई ने बताया कि शहर में सबसे पहले इस ताजिए को उठाया जाता है. इस ताजिए के बाद ही शहर के बाकी ताजिए को कर्बला की तरह ले जाया जाता है. हर साल 7 मोहर्रम तक इस फूलों से बने ताजिए को तैयार कर लिया जाता है. 

आगरा के इस फूलों से बने ताजिए को करीब 300 सालों से बनाया जा रहा है. जिसे हिंदू-मुस्लिम दोनों धर्मों के लोग मिलकर बनाते हैं. आगरा के एक ताजिया कारीगर अशफाक अली ने बताया कि इसे 10 से 12 फीट तक की लंबाई में बनाया जाता है. इसे बनाने के लिए फूलों के अलावा कागज, गोंद और सजावट के लिए तरह-तरह के रंग-बिरंगे सामानों का इस्तेमाल किया जाता है. 

 

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