जमीन के बदले रेलवे में नौकरी देने के आरोपों के मामले लालू प्रसाद और उनका परिवार ईडी और सीबीआई के जांच का सामना कर रहा है. इस मामले में कोर्ट ने बुधवार को लालू प्रसाद, उनकी पत्नी और बेटी को जमानत दे दी है. इसी खुशी में राजद विधायक लड्डू बांट रहे थे.
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नई दिल्लीः लालू प्रसाद के रेल मंत्री रहते हुए रेलवे के ग्रुप डी में नौकरी देने के बदले में जमीन लेने के आरोपों का सामना कर रहे लालू प्रसाद, राबड़ी देवी और उनकी बेटी मीसा भारती को बुधवार को दिल्ली की एक कोर्ट ने जमानत दे दी है. इस खुशी में पटना में राजद के विधायकों ने लड्डू बांटा. वह आपस में लड्डू बांटने के बाद वहीं धरने पर बैठे भाजपा विधायकों को भी लालू परिवार को जमानत मिलने की खुशी में लड्डू खिलाकर उनका मुहं मीठा कराने पहुंच गए. ऐसे में पहले से ही बिहार में अपने विधायके के निलंबन से नाराज होकर धरने पर बैठे भाजपा विधायक राजद विधायक के हाथ में लड्डू का ट्रे देखकर भड़क गए. उन्होंने इसे चिढ़ाने की कार्रवाई मानते हुए लड्डू के ट्रे को विधायक केसरी यादव के हाथ से पलट दिया. लड्डू वहीं टूट कर धरना दे रहे विधायकों के उपर बिखर गया.
बिहार का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है और यूजर्स इसपर तंज कर रहे हैं. कुछ यूजर्स इसे जले पर नमक छिड़कना बता रहे हैं. वहीं, भाजपा समर्थक इसे उकसावे की कार्रवाई बता रहे हैं.
#WATCH | Bihar: RJD & BJP MLAs enter into a scuffle with each other over distribution of laddus at Assembly premises following the bail granted to Lalu Yadav, Rabri Devi & Misa Bharti in land-for-job case.
BJP alleges that RJD MLAs tried to forcefully feed them & disturbed them pic.twitter.com/Fw3PVCZh8N
— ANI (@ANI) March 15, 2023
विधायक के निलंबन के विरोध में भाजपा ने कार्यवाही का बहिष्कार किया
उल्लेखनीय है कि बिहार में विपक्षी भाजपा ने अपने विधायक लखेंद्र रौशन को निलंबित किए जाने का विरोध करते हुए बुधवार को विधानसभा की कार्यवाही का बहिष्कार किया था. विधानसभा स्पीकर अवध बिहारी चौधरी ने मंगलवार को भाजपा विधायक रौशन को उनके अभद्र आचरण को लेकर दो दिनों के लिए निलंबित कर दिया था. चौधरी ने पातेपुर के विधायक रौशन द्वारा माइक्रोफोन तोड़ने की घटना से नाराज थे. विधायक ने हालांकि तर्क दिया था कि माइक्रोफोन ख़राब था और वह उसे ठीक कर रहे थे जिससे वह बाहर आ गया, जबकि सत्तारूढ़ दल का आरोप है कि विधायक ने गुस्से में आकर माइक उखाड़ दी थी. वहीं, भाजपा ने इस घटना को एक दलित के उत्पीड़न के रूप में पेश करने की कोशिश की है. इससे पहले सदन के अंदर स्पीकर चौधरी ने इच्छा जताई थी कि विपक्ष एक दिन पहले की घटना पर खेद जता कर कार्यवाही में शामिल हो जाए, लेकिन रौशन के निलंबन के विरोध में भाजपा सदस्य विधानसभा के बाहर प्रदर्शन करते हुए खड़े रहे और बाद में गेट पर धरने पर बैठ गए.
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