पूर्णिया से टिकट कटने के बाद पप्पू यादव का छलका दर्द; कहा, "एक मेरे लिए माँ, तो दूसरी बेटी"
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पूर्णिया से टिकट कटने के बाद पप्पू यादव का छलका दर्द; कहा, "एक मेरे लिए माँ, तो दूसरी बेटी"

Bihar Lok Sabha Chunav 2024: आखिरकार पूर्णिया लोकसभा सीट का सस्पेंस खत्म हो गया. इस सीट से सबसे मजबूत दावेदार पप्पू यादव को तगड़ा झटका लगा है. राजद ने यहां रूपौली विधायक बीमा भारती को चुनावी मैदन में उतारा है.ऐसे में सावल है कि पप्पू यादव का क्या होगा? हालांकि, उन्होंने टिकट कटने के बाद इशारों-इशारों में राजद को चुनौती दे दी है.

 

पूर्णिया से टिकट कटने के बाद पप्पू यादव का छलका दर्द; कहा, "एक मेरे लिए माँ, तो दूसरी बेटी"

Bihar Lok Sabha Chunav 2024: बिहार की पूर्णिया लोकसभा सीट पिछले कुछ दिनों से चर्चाओं का केंद्र बना रहा है. राजद-कांग्रेस में इस सीट को लेकर काफी खिंचतान हुई. दोनों दलों के नेताओं ने इस सीट पर अपनी-अपनी दावेदारी ठोकी.  लेकिन आज लालू यादव ने बीमा भारती को पार्टी का सिंबल देकर सियासी सरगर्मी और तेज कर दी. बीमा भारती को आरजेडी के द्वारा उम्मीदवार बनाए जाने के बाद इस सीट से सबसे मजबूत दावेदरों में से एक पप्पू यादव ने चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने कहा कि उनके बारे में पार्टी हाईकमान फैसला करेंगे.  

पूर्व सासंद ने कहा कि बीमा भारती मेरी बेटी जैसी है. लेकिन उन्होंने यहां पर ये भी दोहराया कि पूर्णिया की धरती उनकी मां है और मां को छोड़कर बेटा कहीं नहीं जाएगा. इससे पहले भी पप्पू यादव ने कई बार कहा है कि वह पूर्णिया छोड़कर कहीं नहीं जाएंगे. इस बीच बीमा भारकी ऐलान किया है वह   3 अप्रैल को अपना नोमिनेशन फाइल करेंगी.

पप्पू यादव ने जताई ये उम्मीद
वहीं, पप्पू यादव ने कहा कि उनकी पार्टी के हाईकमान और गठबंधन के टॉप लीडर यह तय करेंगे कि वह कहां से चुनाव लड़ाएंगे. हालांकि, पूर्व सांसद ने ये भी कहा कि उनका चुनाव  लड़ना करीब-करीब तय है. इसके अलावा उन्होंने ये भई उम्मीद जताई कि दिल्ली में सबकुछ तय हो जाएगा और राजद-कांग्रेस में एक दो दिन में समझौता हो जाएगा, अगर ये भी नहीं हुआ तो फिर भी पप्पू यादव हर हाल मे पूर्णिया से ही चुनावी मैदान में होंगे.  

पूर्णिया सीट से पप्पू यादव की उम्मीदवारी को लेकर पर संशय तब से गहराने लगा जब बीमा भारती ने जदयू छोड़कर राजद का दामन थामा. लेकिन अब राजद ने भी इस संशय को सही साबित कर दिया और बीमा भारती को टिकट देकर पूर्णिया में सियासी समीकरण को पूरी तरह से बदल दिया. लेकिन सवाल यह है कि अगर पप्पू यादव इस सीट से निर्दलीय मैदान में उतरे हैं तो किसका पलड़ा भारी रहेगा?

बीमा-पप्पू यादव में किसका पलड़ा भारी?
पप्पू यादव का बिहार के कोशी और सिमांचल इलाके में जबरदस्त पकड़ है.  यही कारण है कि वह साल 2014 के लोकसभा चुनाव में मधेपुरा सीट से RJD के चुनाव चिन्ह पर जीत दर्ज कर संसद पहुंचे थे. हालांकि,वह साल 2019 में जदयू के कांडिडेट दिनेश चंद्र यादव से हार का सामना करना पड़ा. पप्पू यादव पूर्णिया और मधेपुरा सीट से दो-दो सांसद रहे हैं. पप्पू यादव पिछले दो साल से कोशी और सीमांचल के इलाकों काफी सक्रिय रहे. इसके अलावा उन्होंने हाल ही में 'प्रणाम पूर्णिया' कार्यक्रम कर काफी सुर्खियों बटोरी थीं.   

वहीं, बीमा भारती रूपौली विधानसभा पांच बार चुनाव जीत चुकी हैं. इसके अलावा उन्होंने नीतीश कैबिनेट में मंत्रालय भी संभाली है. बीमा जदयू से पहले राजद में ही थी. अगर दोनों के सियासी कद का तुलना किया जाए तो पप्पू यादव का पलड़ा यहां पर ज्यादा भारी दिख रहा है. 

 

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