भाजपा के तर्जुमान संबित पात्रा ने ‘न्यूजक्लिक’ पोर्टल की प्रवर्तन निदेशालय की जांच के बारे में मीडिया में आई खबरों का जिक्र किया और कहा कि उसे मशकूक मकसद के लिए 28.46 करोड़ रुपये और हासिल हुए है.
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नई दिल्लीः एक न्यूज पोर्टल को मुबैयना तौर पर संदिग्ध विदेशी धन हासिल होने की खबरों पर इतवार को भारतीय जनता पार्टी ने हमला बोला है. पार्टी ने दावा किया है कि ‘‘भारत विरोधी’’ अनासिर विदेशी ताकतों के गठजोड़ से मुल्क की प्रतिष्ठा कम करने और मोदी सरकार को निशाना बनाने की साजिश रच रहे हैं. भाजपा के तर्जुमान संबित पात्रा ने संवाददाता सम्मेलन में ‘न्यूजक्लिक’ पोर्टल की प्रवर्तन निदेशालय की जांच के बारे में मीडिया में आई खबरों का जिक्र किया और कहा कि उसे 9.59 करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) और मशकूक मकसद के लिए 28.46 करोड़ रुपये और हासिल हुए है.
मीडिया की चादर ओढ़कर पोर्टल चलाने वाले कुछ एक्टिविस्ट, कुछ विदेशी ताकतों और कुछ राजनेताओं का मकसद है, देश में भ्रम, अराजकता फैलाना।
कुछ लोगों और पोर्टल्स ने हमारी वैक्सीन नीति को बदनाम करने की कोशिश की।
ये सब विदेशी फंडिंग के माध्यम से हो रहा था।
- डॉ. @sambitswaraj pic.twitter.com/QG12DgYY0l
— BJP (@BJP4India) July 18, 2021
पोर्टल सुनियोजित गिरोह के तौर पर काम कर रहे हैं
संबित पात्रा ने इल्जाम लगाया कि यह रकम भीमा कोरेगांव मामले में मुल्जिम गौतम नवलखा समेत मुखतलिफ लोगों को पहुंचाया गया. यह भारत विरोधी भावना भड़काने, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपशब्द कहने और विदेशी ताकतों के लिए दुष्प्रचार करने की कीमत थी. भारत विरोधी ताकतें विदेशी ताकतों के साथ मिल कर यह कर रही हैं. पात्रा ने इल्जाम लगाया है कि पोर्टल ने भारत की प्रतिष्ठा कम करने के लिए एक मीडिया हाउस का चोला ओढ़ा है. भारत के मुख्य धारा के कुछ नेता और विदेशी ताकतें और इस तरह के कुछ पोर्टल सुनियोजित तरीके से एक गिरोह के रूप में काम कर रहे हैं.
भारत की प्रतिष्ठा कम करने की कोशिश
पात्रा ने दावा किया कि जब कभी देश में कोई अच्छी चीज होती है, चाहे वह कोविड टीकाकरण नीति हो या सेंट्रल विस्टा परियोजना हो, कुछ लोग इसे निशाना बनाते हैं. उन्होंने इल्जाम लगाया कि ये घटनाएं भारत की प्रतिष्ठा कम करने के लिए इस तरह के अभियानों के पीछे विदेशों से धन प्राप्त होने और विदेशी साचिश की भूमिका को उजागर करते हैं. पात्रा ने कहा कि सेंट्रल विस्टा परियोजना को अदालतों से सहमति मिल गई है लेकिन कुछ लोग भारत की प्रतिष्ठा कम करने में अब तक लगे हुए हैं.
ED मनी लॉन्ड्रिंग मामले की कर रही है जांच
गौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय ने मीडिया पोर्टल न्यूजक्लिक और उसके प्रमोटरों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच कर रही है. ईडी की जांच में कहा गया है कि कंपनी ने कथित तौर पर एफडीआई में 9.59 करोड़ रुपये तक के फंड की लॉन्ड्रिंग की है, जो मीडिया आउटलेट के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश मानदंडों का उल्लंघन है. ईडी ने जांच की बुनियाद पर बताया कि न्यूजक्लिक को 2018 और 2021 के बीच विदेश से 28.46 करोड़ रुपये मिले थे. कंपनी को यह रकम श्रीलंकाई-क्यूबा मूल के व्यवसायी नेविल रॉय सिंघम के जरिये मिली थी. ईडी की जांच से पता चला है कि मीडिया पोर्टल को जस्टिस एंड एजुकेशन फंड इंक, यूएसय जीएसपीएएन एलएलसी, यूएसय ट्राईकॉन्टिनेंटल लिमिटेड इंक, यूएसए से फंड मिला है.
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