जुमेरात को भाजपा नेता देवाशीष आचार्य पर कुछ नामालूम अफराद ने हमला किया था, जिसमें वह शदीद तौर पर जख्मी हो गए थे. उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में दाखिल कराया गया था, जहां कुछ देर के बाद ही देवाशीष की मौत हो गई.
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कोलकाताः सियासी तौर पर सरगर्म रहने वाले मगरबी बंगाल का पारा और ज्यादा उपर चढ़ सकता है. इसकी वजह यह है कि सूबे में भाजपा के एक मशहूर नेता देवाशीष आचार्य की अस्पताल में मुस्तबा हालात में मौत हो गई है। दरअसल, जुमेरात को उन पर कुछ नामालूम अफराद ने हमला किया था, जिसमें वह शदीद तौर पर जख्मी हो गए थे. उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में दाखिल कराया गया था. हालांकि कुछ देर के बाद ही देवाशीष की मौत हो गई. देवाशीष के खानदान के लोग अस्पताल में उनके कत्ल का इल्जाम लगा रहे हैं. देवाशीष इसलिए भी मशहूर हैं, क्योंकि कुछ साल पहले उन्होंने एक चुनावी रैली में टीएमसी सासंद को थप्पड़ जड़ दिया था.
टीएसी सांसद को थप्पड़ मारकर सुर्खियों में आए थे देवाशीष
देवाशीष आचार्य सबसे पहले 2015 में तब नोटिस किए गए थे जब उन्होंने एक सियासी रैली के दौरान ममता बनर्जी के भतीजे और टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी को लोगों की भीड़ के सामने थप्पड़ जड़ दिया था. इस हादसे के बाद टीएमसी हिमायतियों ने मंच पर उनकी पिटाई कर दी थी और फिर पुलिस के हवाले कर दिया था. हालांकि इस हादसे के बाद अभिषेक बनर्जी की तरफ से कहा गया था कि उन्होंने इस गुस्ताखी के लिए देवाशीष को माफ कर दिया है. अब जुमेरात को उन पर हमले और उससे उनकी मौत ने इस मामले को एक बार फिर से गरमा दिया है.
सरकार के लिए मुश्किल खड़ी कर सकती है यह घटना
मगरबी बंगाल में टीएमसी सरकार की कार्यप्रणाली और वहां भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमले को लेकर भाजपा पहले से ही रियासती हुकूमत पर हमलावर है. प्रदेश भाजपा और उनके विधायक मुसलसल रियासती हुकूमत की शिकायत राज्यपाल और मरकजी हुकूमत से कर रहे हैं. इस घटना के बाद बीजेपी मजबूती के साथ ममता बनर्जी सरकार को घेरने पर लग गई है. भाजपा के बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि राज्य में अब राष्ट्रपति शासन जैसे हालात हो गए हैं. प्रदेश में अब तक 48 बीजेपी कार्यकर्ताओं की मौत हो चुकी है. सरकार इसे रोकने में मुकम्मल तौर पर नाकाम साबित हो रही है.
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