Black Fungus: इन 10 सूबों में बढ़ रहे हैं ब्लैक फंगस के मामले, जानिए इसके आसार और बचाव के तरीके
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Black Fungus: इन 10 सूबों में बढ़ रहे हैं ब्लैक फंगस के मामले, जानिए इसके आसार और बचाव के तरीके

म्यूकॉरमाइकोसिस यानी ब्लैक फंगस के सबसे ज्यादा मामले गुजरात और महाराष्ट्र में सामने आए हैं. महाराष्ट्र की हुकूमत ने मेडिकल कॉलेजों से जुड़े अस्पतालों को ब्लैक फंगस के इलाज करने वाले सेंटर के तौर पर तब्दील करने का फैसला किया है.

सांकेतिक फोटो  (साभार: PTI)

नई दिल्ली: मुल्क भर में कोरोना वायरस के मामले तगातार बढ़ते जा रहे हैं, लेकिन इसी दरमियान कोरोना के मर्ज़ से ठीक हुए लोगों में ब्लैक फंगस (Black Fungus) जैसी वबा ने परेशानी बढ़ा दी है. ये मर्ज़ कोरोना के मरीज़ों को ज्यादा अपना शिकार बना रहा है.

गुजरात और महाराष्ट्र में ब्लैक फंगस के सबसे ज्यादा मामले
म्यूकॉरमाइकोसिस यानी ब्लैक फंगस के सबसे ज्यादा मामले गुजरात और महाराष्ट्र में सामने आए हैं. महाराष्ट्र की हुकूमत ने मेडिकल कॉलेजों से जुड़े अस्पतालों को ब्लैक फंगस के इलाज करने वाले सेंटर के तौर पर तब्दील करने का फैसला किया है. थाने में बुधवार को ब्लैक फंगस के चलते दो मरीजों की मौत हो गई.

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ये सूबे भी ब्लैक फंगस की चपेट में
गुजरात और महाराष्ट्र के अलावा दिल्ली, मध्यप्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, बिहार और हरियाणा में ब्लैक फंगस के मामले सामने आए हैं. पिछले 24 घंटों के दौरान जयपुर में ब्लैक फंगस के 14 मामले सामने आए. इनमें दो रांची, चार राजस्थान, पांच यूपी और दिगर दिल्ली-एनसीआर के मरीज जयपुर में इलाज कराने के लिए पहुंचे है. मध्य प्रदेश में ब्लैक फंगस के 50 से ज्यादा मामले सामने आए हैं, जिनमें से 2 की मौत हो चुकी है.तेलंगाना में म्यूकॉरमाइकोसिस के 60 के करीब मामले मिले हैं. बेंगलुरु के ट्रस्ट वेल हॉस्पिटल ने बताया कि पिछले दो हफ्तों से यहां पर ब्लैक फंगस के 38 मामले आए हैं.

कोरोना मरीज़ इन बातों का रखें ख्याल
आईसीएमआर (ICMR) के मुताबिक, कोरोना वायरस से ठीक हो चुके लोगों को हाइपरग्लाइसिमिया पर काबू पाना जरूरी है. इसके अलावा डायबिटिक मरीजों को ब्लड ग्लूकोज लेवल चेक करते रहना चाहिए. स्टेरॉयड लेते वक्त सही डोज और मुद्दत का ध्यान रखें. ऑक्सीजन थेरेपी के दौरान साफ पानी का इस्तेमाल करें. अगर मरीज एंटीबायोटिक्स और एंटीफंगल का इस्तेमाल कर रहा है तो इसमें भी सावधानी बरतने की जरूरत है.

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कितना खतरनाक है ये मर्ज़
मुंबई के सायन हॉस्पिटल की E.N.T हेड ऑफ डिपार्टमेंट डॉ. रेणुका ब्रडू ने कहा कि ये बीमारी निहायत ही खतरनाक है. उन्होंने कहा कि तीस मरीज हमने बीते डेढ़ महीने में देखे हैं. इनमें से 11 मरीजों की एक आंख निकालनी पड़ी है. एक मरीज 47 साल की हैं उनकी दोनों आंख निकालनी पड़ी.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स 
एक्सपर्ट्स का कहना है कि की फंगस 2-3 दिन नाक में रहता है और फिर आंख की तरफ जाता है. ऐसे में नाक या कान से खून निकले तो डॉक्टर से राब्ता करना चाहिए.

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