Chanda Kochhar-Deepak Kochhar Arrest Case: बॉम्बे हाईकोर्ट ने ICICI बैंक की पूर्व MD और CEO चंदा कोचर चंदा और उनके पति दीपक कोचर की गिराफ्तारी को चैलेंज देने और अंतरिम राहत देने से जुड़ी याचिका पर अपना आदेश महफूज़ रख लिया है. कोर्ट इस मामले में अब नौ जनवरी को अपना फैसला सुनाएगा.
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Chanda Kochhar-Deepak Kochhar Arrest Case: बॉम्बे हाईकोर्ट ने ICICI बैंक की पूर्व MD और CEO चंदा कोचर चंदा और उनके पति दीपक कोचर की गिराफ्तारी को चैलेंज देने और अंतरिम राहत देने से जुड़ी याचिका पर अपना आदेश महफूज़ रख लिया है. कोर्ट इस मामले में अब नौ जनवरी को अपना फैसला सुनाएगा. बता दें कि आईसीआईसीआई बैंक-वीडियोकॉन लोन फ्रॉड केस में सीबीआई ने कोचर कपल को गिरफ्तार किया था. उसके बाद इसी मामले में वीडियोकॉन के प्रमोटर वेणुगोपाल धूत को भी गिरफ्तार किया था, तीनों फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं.
'महिला पुलिसकर्मी की उपस्थिति नहीं"
कोचर कपल ने अपनी गिरफ्तारी को इस बुनियाद पर ग़ैर क़ानूनी क़रार दिया है कि सीबीआई की कार्रवाई के लिए पहले मंजूरी नहीं ली गयी जबिक भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम (पीसीए) के प्रावधानों के तहत ऐसा करना ज़रूरी है. चंदा कोचर की तरफ़ से सीनियर वकील अमित देसाई और वकील कुशल मोर ने अदालत में कहा कि "लापरवाही पूर्वक पूछताछ" के बाद उनकी मुवक्किल को गिरफ्तार कर लिया गया. उन्होंने दलील दी कि चंदा कोचर को पता नहीं था कि उनके पति के कारोबार में क्या हो रहा है. देसाई ने कहा कि एक पुरूष अधिकारी ने चंदा कोचर को गिरफ्तार किया और इसमें महिला पुलिसकर्मी की उपस्थिति नहीं दिखती है .
बैंक फ्रॉड का है मामला
साल 2012 में वीडियोकॉन ग्रुप को ICICI बैंक ने लोन दिया था. जो बाद में एनपीए हो गया और बाद में इसे "बैंक फ्रॉड" कहा गया. सितंबर 2020 में ईडी ने दीपक कोचर को गिरफ्तार किया था. दरअसल, 2012 में, चंदा कोचर की अगुवाई में आईसीआईसीआई बैंक ने वीडियोकॉन ग्रुप को 3,250 करोड़ का लोन दिया, जिसमें दीपक कोचर की 50 फीसद भागीदारी है. इल्ज़ाम है कि इस तरह चंदा कोचर ने अपने हस्बेंड की कंपनी के लिए वीडियोकॉन के प्रमोटर वेणुगोपाल धूत को फायदा पहुंचाया. साल 2018 में यह बात सामने आने के बाद चंदा कोचर को बैंक से रिज़ाइन करना पड़ा था. सीबीआई ने पहले फरवरी, 2018 में इस मामले में प्रारंभिक जांच दर्ज की थी.
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