Parliament security breach: CISF की स्थापना 1969 को हुई थी. आज ये फोर्स एयर-पोर्ट और परमाणु सुविधाओं के अलावा 350 से ज्यादा संवेदनशील जगहों की सुरक्षा करती है.
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Parliament security breach: संसद में सुरक्षा चूक के बाद अब केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने पार्लयामेंट के सुरक्षा की जिम्मेदारी दिल्ली पुलिस से लेकर CISF (Central Industrial Security Force) के हाथों में दे दी है. अब संसद की सुरक्षा CISF संभालेगी. इसके अधिसूचना 20 दिसंबर को सरकार ने जारी की है. अधिसूचना में गृह मंत्रालय ने कहा कि CISF एजेंसी संसद की सुरक्षा के लिए दिल्ली पुलिस की जगह लेगी और आने वाले लोगों की तलाशी से लेकर सभी संबंधित जिम्मेदारियां देखेगी.
CISF नई तकनीकों से लेस
CISF केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPF) में से एक है, ये भारत के गृह मंत्रालय के अधीव एक फेडरल पुलिस ऑर्गेनाइजेशन है. CISF पूरे भारत में 356 से ज्यादा औद्योगिक इकाइयों व 13 निजी औद्योगिक इकाइयों, सरकारी इंफ्रास्ट्रक्चर और कई सरकारी प्रतिष्ठानों को सुरक्षा मुहैया कराती हैं. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यूपी के पूर्व DGP ने केंद्र सरकार के इस फैसले पर कहा, ''CISF न सिर्फ सुसज्जित और प्रशिक्षित है बल्कि उसके पास संसद की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जरूरी तकनीक भी है.''
कहा-कहा तैनात है CISF?
Central Industrial Security Force की वेबसाइट के मुताबिक यह फोर्स "संवेदनशील सार्वजनिक जगहों के उपक्रमों को सुरक्षा मुहैया कराती है. CISF की स्थापना 1969 को हुई थी. आज ये फोर्स एयर-पोर्ट और परमाणु सुविधाओं के अलावा 350 से ज्यादा संवेदनशील जगहों की सुरक्षा करती है. CISF खास सरकारी इमारतों, मशहूर किलों और मकबरों के अलावा दिल्ली मेट्रो की भी हिफाजत करती है. CISF की एक खास VIP युनिट भी है जो VIP लोगों की सुरक्षा मुहैया कराती है.
संसद पर हुआ था हमला
बीते बुधवार को कुछ लोगों ने संसद में हमला कर दिया है. हमला करने वालों में से एक शख्स स्मोक-बम लेकर संसदो के बीच पहुंच गया था. इस हमले के बाद से ही सरकार और दिल्ली पुलिस पर कई सवाल उठ रहे हैं. संसद भवन की सुरक्षा चूक पर लोकसभा के स्पीकर ओम बिड़ला ने बताया था, "ज़ीरो आवर के दौरान हुई घटना की लोकसभा अपने लेवल पर पूरी जांच कर रही है. इस संबंध में दिल्ली पुलिस को भी जरूरी निर्देश दे दिए गए हैं."