Maharashtra Assembly Election: महाराष्ट्र में जल्द ही चुनाव होने वाले हैं. लेकिन यहां महाविकास अघाड़ी की तरफ से बहुत कम मुस्लिम उम्मीदवारों टिकट दिया गया है. ऐसे में कांग्रेस के मुस्लिम नेता ने शिवसेना यूबीटी का बॉयकॉट करने का आह्वान किया है.
Trending Photos
Maharashtra Assembly Election: महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी के तहत उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने एक मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट दिया है. इससे कांग्रेस नेता यूसुफ अब्राहनी नाराज हो गए हैं. उनका कहना है कि शिवसेना ने कम मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया. उन्होंने मुस्लिम नेताओं और धार्मिक नेताओं की एक मीटिंग बुलाई ताकि शिवसेना का बॉयकॉट किया जा सके. यूसुफ ने कहा कि "पूरी मुस्लिम बिरादरी ने लोकसभा में महाविकास अघाड़ी को वोट दिया है. कई लोकसभा सीटों खासकर मुंबई में शिवसेना इसलिए जीती क्योंकि उसे मुसलमानों ने वोट दिया है."
यूसुफ रहे रनर
यूसुफ ने बाइकुला का उदाहरण देते हुए कहा कि यहां 41 फीसद मुस्लिम वोटर हैं. लेकिन यहां से शिवसेना यूबीटी के उम्मीदवार अरविंद सावंत को 86,883 वोट मिले. जबकि शिवसेना के उनके प्रतिद्वी यामिनी जाधव को महज 40,817 वोट मिले. जाधव एक बार फिर बायकुला से पूर्व पार्षद मनोज जमसुतकर के खिलाफ विधानसभा चुनाव लड़ेंगे, जो सेना (यूबीटी) के उम्मीदवार हैं. बायकुला उन सीटों में से एक थी, जिस पर कांग्रेस ने सेना (यूबीटी) के साथ चुनाव लड़ा था, और अब्राहनी इस सीट के लिए सबसे आगे थे. स्थानीय लोगों और समुदाय के नेताओं का कहना है कि वह आसानी से जीत जाते.
कांग्रेस की तरफ से मिले वोट
यूसुफ अब्राहनी ने कहा कि "उद्धव ठाकरे को ये याद रखना चाहिए कि उनकी पार्टी ने लोकसभा में जो भी वोट हासिल किए वह कांग्रेस के थे. हमने उनकी पार्टी के लिए INDIA ब्लॉक की तरफ से वोट किया. हमने उनकी पार्टी के कड़ी मेहनत की. हमने उम्मीद की थी कि उनकी पार्टी ज्यादा उम्मीदवारों को टिकट देगी."
यह भी पढ़ें: Maharashtra Election: कभी हिंदुओं की हितैषी मानी जाती थी शिवसेना; अब मुस्लिम उम्मीदवार को दिया टिकट
शिवसेना का जवाब
शिव सेना (UBT) के सीनियर नेता सुभाष देसाई ने कहा कि अब्राहमानी की चिंता उनके समुदाय के बारे में नहीं थी. वह केवल इसलिए बहिष्कार का आह्वान कर रहे थे, क्योंकि उन्हें अपनी पार्टी से टिकट नहीं मिला था. उन्होंने कहा, "बायकुला क्यों, उनकी पार्टी उन्हें कहीं से भी टिकट दे सकती थी." "ऐसा क्यों नहीं किया गया?"
शिवसेना उठा रही फायदा
अब्राहमी का कहना है कि "मैं एक समुदाय के नेता के रूप में बहिष्कार का प्रस्ताव कर रहा हूं, न कि एक कांग्रेसी के रूप में." उन्होंने कहा, "अगर हाईकमान मुझे इस प्रस्ताव को वापस लेने के लिए कहता है, तो मैं इसे वापस ले लूंगा." "लेकिन मुझे यह भी लगता है कि शिवसेना (UBT) महाराष्ट्र में एक धर्मनिरपेक्ष सरकार देखने की राहुल गांधी की इच्छा का फायदा उठा रही है."