Congress Worker Murder: कांग्रेस लीडर की वेस्ट बंगाल में पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. इस मामले में पुलिस ने 5 लोगों को गिरफ्तार किया है. पूरी खबर पढ़ने के लिए स्क्रॉल करें.
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Congress Worker Murder: पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले में बुधवार रात एक कांग्रेस कार्यकर्ता की कथित तौर पर पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. इस मामले में पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है. यह मामला मयनागुड़ी के खरगराबारी-1 ग्राम पंचायत के अंतर्गत हथत कॉलोनी में पेश आया है. आरोप है कि पीटने वालों ने पीड़ित कार्यकर्ता के घर के पास ही उसती हत्या की.
पुलिस ने बताया कि माणिक रॉय को कथित तौर पर एक पेड़ से बांध दिया गया और लोहे की छड़ों और डंडों से एक ग्रुप ने उसकी पिटाई की. पुलिस का कहना है कि पड़ोसियों के साथ विवाद के चलते उसकी हत्या की गई है. पुलिस ने बताया कि मानिक रॉय को मोइनागुड़ी से पुलिस दल ने बचाया और गंभीर हालत में जलपाईगुड़ी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल ले जाया गया, जहां गुरुवार को उनकी मौत हो गई.
उनके परिवार के सदस्यों और पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अधीर चौधरी ने दावा किया कि हमलावरों में से कुछ सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के थे. पुलिस ने गुरुवार को इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. माणिक रॉय के परिवार और कांग्रेस ने आरोप लगाया कि क्षेत्र में टीएमसी समर्थित गुंडों से बार-बार धमकियां मिलने के बाद पार्टी कार्यकर्ता को लोकसभा चुनाव 2024 के बाद अपना घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा.
कांग्रेस कार्यकर्ता सौम्या ऐच रॉय ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, "रॉय सिलीगुड़ी शहर में रहने लगे थे, जहां वे सुरक्षा गार्ड के तौर पर काम करते थे. पिछले रविवार को वे घर लौट आए. लेकिन टीएमसी समर्थित गुंडों ने उन्हें पेड़ से बांध दिया और उनकी पिटाई कर दी. यह बंगाल में सत्तारूढ़ पार्टी का आतंक है."
पश्चिम बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष अधीर चौधरी ने कहा, "ऐसा लगता है कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं को टीएमसी शासित पश्चिम बंगाल में राजनीतिक गतिविधियों को आगे बढ़ाने का कोई अधिकार नहीं है. हम रॉय की हत्या की निष्पक्ष जांच चाहते हैं."
कांग्रेस ने अपने पार्टी कार्यकर्ता की मौत को लेकर टीएमसी पर हमला बोला, वहीं सत्तारूढ़ पार्टी ने इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने की कोशिशों की निंदा की और मामले की गहन जांच की मांग की. टीएमसी नेता कुणाल घोष ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा कि यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है और इसमें शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाना चाहिए. कुणाल घोष ने जोर देकर कहा कि इस घटना का राजनीतिकरण करने के किसी भी प्रयास की निंदा की जानी चाहिए.