टेलर ने टाईट सिल दिया 'कुर्ता-पायजामा’, तो कोर्ट पहुंचा ग्राहक; दर्जी पर 12 हजार का जुर्माना
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टेलर ने टाईट सिल दिया 'कुर्ता-पायजामा’, तो कोर्ट पहुंचा ग्राहक; दर्जी पर 12 हजार का जुर्माना

Court fined tailor for ill fitting Kurta-Payjama: यह मामला उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर का हैं, जहां एक उपभोक्ता कोर्ट ने यह फैसला दिया है, वहीं इस फैसले पर दर्जी ने हैरत जताते हुए कहा है कि उसे इस मामले में कोई जानकारी नहीं है और उसे कभी कोई नोटिस ही नहीं भेजा गया है. 

अलामती तस्वीर

बुलंदशहरः उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में एक उपभोक्ता कोर्ट  (UP Buland Shahar Consumer Court ) ने गलत फिटिंग वाला कुर्ता-पायजामा (ill fitting Kurta- Payjama) सिलने पर एक दर्जी को ग्राहक को 12,000 रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया है. अदालत ने सिल्को टेलर्स के मालिक इफ्तिखार अंसारी को ’गलत फिटिंग वाला कुर्ता पायजामा’ (Kurta Payjama) सिलने पर सिलाई शुल्क के रूप में 720 रुपये, कपड़े की लागत के रूप में 1,500 रुपये, मुकदमेबाजी के खर्च के तौर पर 5,000 रुपये और सिलाई के लिए उपभोक्ता को मानसिक उत्पीड़न पहुंचाने के लिए 5,000 रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया है. इयस केस में चार साल बाद यह फैसला आया है.

क्या है मामला ? 
गौरतलब है कि 58 वर्षीय शिकायतकर्ता एम.पी. सिंह, वर्तमान में बुलंदशहर के कलेक्ट्रेट में जिला सूचना अधिकारी के रूप में तैनात हैं. उन्होंने बताया कि एक कुर्ता-पायजामा सेट की सिलाई एक नियमित दुकान से 200 रुपये से ज्यादा नहीं है. हालांकि, अगर मैं 720 रुपये देने को तैयार हूं, तो मुझे सिलाई की क्वालिटी अच्छी मिलनी चाहिए और यह दर्जी की जिम्मेदारी है कि वह मेरी उम्मीदों पर खरा उतरें. लेकिन इस मामले में दर्जी ने खराब सिलाई कर मुझे निराश कर दिया. जब मैंने दर्जी से इस बारे में शिकायत की तो उन्होंने अपनी गलती मानने से इंकार कर दिया. सिंह ने आगे बताया कि मैं इस मामले को छोड़ सकता था, लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया. जब हमारे पास उपभोक्ता सुरक्षा के लिए कानून है, तो हमें इसका लाभ क्यों नहीं लेना चाहिए?

प्रतिवादी के कोर्ट न जाने पर लिया गया एकतरफा फैसला 
उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के सहायक सूचना अधिकारी शेखर वर्मा ने बताया कि आरोपी को कई नोटिस दिए गए थे, लेकिन वह मुकदमे के लिए कभी कोर्ट नहीं आया. यह मामला लगभग चार साल तक ऐसे ही चलता रहा. आखिरकार, फोरम के प्रमुख चंद्रपाल सिंह की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय टीम ने प्रतिवादी के मुकदमे की सुनवाई और बहस में न आने पर कोर्ट ने इस मामले में एकतरफा फैसला लिया.  

टेलर ने आरोपों से किया इंकार 
वहीं, टेलरिंग शोरूम के मालिक अंसारी ने अपने पर लगे सभी आरोपों का खंडन किया है और कहा है कि फैसला मेरे लिए हैरान करने वाला था, क्योंकि मुझे कभी कोई नोटिस नहीं भेजा गया है. इसलिए, मुकदमे में जाने का सवाल ही नहीं था. मुझे अच्छे से याद है कि शिकायतकर्ता के साथ कोई विवाद नहीं था और उस कुर्ता-पायजामा सेट को सिलने के बाद भी, उसने हमारी दुकान से और भी कई कपड़े सिलवाए हैं.

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