Delhi Riots: उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए सांप्रदायिक हिंसा के मामले में शरजील इमाम और खालिद सैफी समेत कई लोगों के खिलाफ अब नए सिरे से सुनवाई होगी. दिल्ली हाई कोर्ट ने बेल पीटिशन्स को जनवरी में सुनवाई के लिए लिस्टेड किया है.
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Delhi News: दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को साल 2020 की उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए सांप्रदायिक हिंसा के मामले में शरजील इमाम और खालिद सैफी समेत कई लोगों के बेल पीटिशन्स को जनवरी में सुनवाई के लिए लिस्टेड किया. शरजील इमाम, ‘यूनाइटेड अगेंस्ट हेट’ के फाउंडर खालिद सैफी और कई लोगों के ऊपर UAPA के तहत मामला दर्ज है.फिलहाल सभी लोग जेल में हैं.
जस्टिस सुरेश कुमार कैत की अध्यक्षता वाली पीठ को मुल्जिमों के वकील और दिल्ली पुलिस ने इनफॉर्म किया कि पहले सुनवाई कर रही पीठ में बदलाव की वजह से मामलों को नए सिरे से सुनवाई करनी होगी. मौजूदा पीठ के सामने एक मुल्जिम की तरफ से पेश सीनियर वकील रेबेका जॉन ने कहा, ‘‘मामला पिछले एक साल से ज्यादा समय से लंबित है. अब इसे नए सिरे से सुना जाना चाहिए.’’
इस जुड़े मामले में पीटिशनरों की सुनवाई पहले जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने की थी, जिन्हें हाल ही में मणिपुर हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस नियुक्त किया गया है.
तीन मामलों में फिर से होगी सुनवाई
बेल पीटिशन्स को 15 जनवरी से शुरू होने वाली अलग-अलग तारीखों पर अलग से सुनवाई के लिए लिस्टेड किया गया. स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर अमित प्रसाद ने कहा कि सभी मामले दंगों के पीछे की साजिश से जुड़ी है और अलग-अलग मुल्जिमों पर अलग-अलग भूमिका के इल्जाम हैं. उन्होंने कहा, ‘‘तीन मामलों में फैसला सुरक्षित रखा गया था. उन पर भी दोबारा सुनवाई होनी है.’’
गौरतलब है कि मौजूदा याचिकाओं में सभी मुल्जिमों ने साल 2022 में बेल के लिए सुप्रीम कोर्ट का भी रुख किया था.
उमर खालिद मामले में केंद्र से जवाब मांगा
वहीं सर्वोच्च न्यायलय ने मंगलवार को जेएनयू पूर्व छात्र उमर खालिद की UAPA के अलग-अलग प्रावधानों को चुनौती देने वाली पीटिशन पर केंद्र से जवाब मांगा है. वह फरवरी 2020 के पूर्वोत्तर दिल्ली दंगों के पीछे की साजिश में कथित संलिप्तता को लेकर आतंकवाद विरोधी कानून UAPA के तहत जेल में बंद हैं.