डाॅक्टरों ने कहा कि आहार की आदतों में बदलाव, संक्रमण के दौरान बुखार, तनाव, चिंता, अचानक होने वाले हार्मोनल चेंज और कोविड के बाद लगातार होने वाली परेशानी अस्थाई तौर पर बालों के झड़ने की वजह है.
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नई दिल्लीः दिल्ली के इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल में कोरोनो वायरस के मरीजों में बालों के झड़ने की शिकायतों में 100 प्रतिशत का इजाफा देखा गया है. डॉक्टरों ने जुमेरात को बताया कि आम तौर पर दक्षिणी दिल्ली के इस निजी अस्पताल में सप्ताह में बालों के झड़ने की चार से पांच शिकायतें दर्ज की जाती हैं. हालांकि, मई के मध्य से बालों के झड़ने के मामले बढ़ने लगे और रिपोर्ट कहती है कि तब से दोगुने मामले सामने आ रहे हैं. डॉक्टरों ने कहा कि आमतौर पर, कोविड-19 रोगियों को बीमारी से उबरने के एक महीने बाद बालों के झड़ने का अनुभव होता है.
कोविड के बाद क्यों झड़ते हैं बाल
कुछ मामलों में, संक्रमण के दौरान भी बालों का झड़ना देखा जाता है. डाॅक्टरों ने कहा कि आहार की आदतों में बदलाव, संक्रमण के दौरान बुखार, तनाव, चिंता, अचानक होने वाले हार्मोनल चेंज और कोविड के बाद लगातार होने वाली परेशानी अस्थाई तौर पर बालों के झड़ने की वजह बनते हैं. इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल के कॉस्मेटिक और प्लास्टिक सर्जरी के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. शाहीन नूरेजदान ने कहा, पोषित खान-पान से समझौता, वजन में अचानक बदलाव, हार्मोनल गड़बड़ी और विटामिन डी और बी 12 के स्तर में कमी संक्रमण के बाद बड़ी तादाद में बालों झड़ने के कुछ खास वजह हैं.
कितने बाल झड़ने को समझा जाए बीमारी
कॉस्मेटोलॉजी और प्लास्टिक सर्जरी के सीनियर सलाहकार डॉ. कुलदीप सिंह ने कहा, ’’कोविड के बाद बालों का झड़ना अस्थाई होता है और यह टेलोजन एफ्लुवियम नामक हालात से पैदा होता है. उन्होंने कहा कि आम तौर पर एक आदमी के रोजाना 100 बाल गिर सकते हैं, लेकिन टेलोजेन एफ्लुवियम की वजह से यह तादाद प्रति दिन 300-400 बाल तक बढ़ सकती है.
खान-पान से कैसे रोकें बालों का झड़ना
डॉक्टरों ने सुझाव दिया कि कोविड-19 से उबरने के बाद, विटामिन और आयरन के नेचुरल खाद्य स्रोतों के साथ-साथ पौष्टिक आहार लेना चाहिए. आयरन की कमी बालों के झड़ने को बढ़ा सकती है, जबकि प्रोटीन युक्त, संतुलित आहार बालों का झड़ना कम करता है.
बाल झड़ना रोकने के लिए कुछ घरेलू नुस्खे
डॉक्टरों ने कहा कि बालों की देखभाल के कुछ सामान्य तरीकों से बालों का ज्यादा झड़ना रोका जा सकता है. इसमें हल्के, पैराबेन और सल्फेट-मुक्त शैंपू का उपयोग, खुजली और खोपड़ी पर परत जमने पर कड़ी निगरानी रखना, तेल लगाने से बचना और सिर की मालिश करना वगैरह शामिल हैं. इन उपायों को अपना कर बालों के झड़ने को कम किया जा सकता है.
जब इस समस्या से जूझ रहे हों तो क्या नहीं करना चाहिए
डॉक्टरों का कहना है कि जब आपके बाल ज्यादा झड़ रहे हों तो ऐसे हालात में तनाव से बचना चाहिए. बाल झड़ने के पीछे पड़ जाना या इसे सोच-सोच कर तनाव लेने ठीक नहीं है. अपना ध्यान रखिए और स्वस्थ खाना खाइये. प्राकृतिक पोषक तत्वों की भरपूर खुराक लेनी चाहिए. हेयर स्टाइलिंग के लिए गर्मी और रसायनों के इस्तेमाल से बचना चाहिए. रोजाना कोई न कोई जिस्मानी वर्जिश या काम करना चाहिए और आराम तलब जिंदगी से परहेज करना चाहिए.
बालों की समस्या में कब जाना चाहिए डाॅक्टर के पास
बाल झड़ने की समस्या पकड़ में आने के बाद आखिर डाॅक्टर के पास कब जाना चाहिए इस सवाल पर डॉ. कुलदीप सिंह कहते हैं, ’’पहले अपना खान-पान और जीवन शैली में बदलाव करना चाहिए. ज्यादातर मरीजों के बाल झड़ने का प्रोब्लम इतने से ही ठीक हो जाता है. लोगों को डॉक्टर से तभी संपर्क करना चाहिए जब पांच से छह सप्ताह तक पौष्टिक आहार लेने के बाद भी बालों का ज्यादा झड़ना जारी रहे.
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