UP News: पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद की बीवी लुईस पर ED का शिकंजा; इतने लाख की संपत्ति जब्त
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UP News: पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद की बीवी लुईस पर ED का शिकंजा; इतने लाख की संपत्ति जब्त

UP News:  धनशोधन का यह मामला यूपी पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा की 17 मुकदमा से उजागर हुआ. पुलिस ने अतहर और लुईस खुर्शीद के खिलाफ आरोप-पत्र दायर किया है. पूरी खबर पढ़ने के लिए नीचे स्क्रॉल करें. 

UP News: पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद की बीवी लुईस पर ED का शिकंजा; इतने लाख की संपत्ति जब्त

UP News: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आज यानी 3 मार्च को इल्जाम लगाया है कि कांग्रेस के सीनियर नेता सलमान खुर्शीद की बीवी लुईस खुर्शीद और दो दूसरे ने अपने निजी फायदे के लिए केंद्र सरकार के 71.50 लाख रुपये का ‘‘गबन’’ किया है. ED ने एक बयान में कहा, "उसने धनशोधन निवारण कानून (PMLA) के प्रावधानों के तहत यूपी के फर्रुखाबाद जिले में मौजूद 15 कृषि भूखंड और डॉ. जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट की कुछ बैंक जमा राशि को अस्थायी रूप से कुर्क कर लिया है.

सलमान खुर्शीद की बीवी का दर्ज किया गया था बयान
बयान में कहा गया है, "कुर्क किए गए भूखंडों का मूल्य 29.51 लाख रुपये है और ट्रस्ट के चार बैंक खातों से कुर्क राशि 16.41 लाख रुपये है. ED ने पिछले महीने लखनऊ मौजूद अपने क्षेत्रीय कार्यालय में लुईस खुर्शीद का बयान दर्ज किया था. इस बीच ईडी ने दावा किया कि एक जांच में यह पाया गया है कि ‘‘ट्रस्ट को मिले 71.50 लाख रुपये के अनुदान का इस्तेमाल भारत सरकार के जरिए स्वीकृत शिविरों के आयोजन के लिए नहीं किया गया था, बल्कि इसका इस्तेमाल ट्रस्ट के प्रतिनिधि प्रत्यूष शुक्ला, सचिव मोहम्मद अतहर और परियोजना निदेशक लुईस खुर्शीद के जरिए ट्रस्ट के हित और अपने व्यक्तिगत फायदे के लिए किया गया था.’’

ED ने क्या कहा?
ED ने कहा है, "इस प्रकार अनुदान के तौर पर मिले धनराशि को अपने व्यक्तिगत फायदे के लिए इस्तेमाल किया गया और यह अपराध से अर्जित आय की श्रेणी में आया." धनशोधन का यह मामला यूपी पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा की 17 मुकदमा से उजागर हुआ. पुलिस ने अतहर और लुईस खुर्शीद के खिलाफ आरोप-पत्र दायर किया है. पिछले महीने उत्तर प्रदेश के बरेली जिले की एक MPMLA कोर्ट ने दोनों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था.

राज्य सरकार ने कराई थी जांच
विशेष लोक अभियोजक ने कोर्ट को बताया था, "साल 2009-10 के दौरान बरेली जिले के भोजीपुरा इलाके में विकलांग व्यक्तियों के लिए डॉ. जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट के जरिए कृत्रिम अंग और उपकरण वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. निधि के इस्तेमाल में गड़बड़ी के कुछ इल्जाम लगने के बाद राज्य सरकार ने मामले की जांच कराई." अभियोजक ने कोर्ट को बताया, "यह पाया गया कि कार्यक्रम में नकली मोहरों और हस्ताक्षरों का उपयोग करके सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया था. शुक्ला की कुछ साल पहले मौत हो गई थी और ईडी के जराए ने कहा था कि उसने शुक्ला की बीवी और कुछ दूसरे लोगों के बयान दर्ज किए हैं. शुक्ला के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही समाप्त कर दी गई है."

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