Farmer Protest: अपनी मांगो को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों के 'जत्थे' ने शुक्रवार को दोपहर 1 बजे अपना मार्च शुरू किया था, लेकिन कुछ मीटर की दूरी तय करने के बाद, उन्हें हरियाणा सरकार द्वारा लगाए गए बहुस्तरीय बैरिकेड पर रूकने के लिए मजबूर होना पड़ा. किसानों आंसू गैस के गोले छोड़े ग, जिसमें कई किसान घायल हो गए.
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Farmer Protest: दिल्ली कूच कर रहे किसानों के जत्थे को वापस बुलाने का ऐलान किया गया है. किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने बताया कि हमारे साथ सरकार दुश्मनों जैसा व्यवहार कर रही है. किसानों के ऊपर आंसू गैस गोले दागे जा रहे हैं. अगर सरकार को शक है तो हमारी तलाशी ले ले. हरियाणा पुलिस के आंसू गैस के गोले से 6 किसान नेता समेत कई किसान घायल हो गए हैं. सभी घायलों को हॉस्पिटल भेजा गया है.
किसानों के 101 समूहों ने प्रदर्शन कर रहे किसानों को वापस बुलाने का फैसला किया, जो शुक्रवार को शंभू सीमा से दिल्ली की तरफ पैदल मार्च शुरू किया, लेकिन उन्हें कुछ ही मीटर की दूरी पर बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया और हरियाणा पुलिस ने हस्तक्षेप करते हुए बीएनएसएसकी धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा का हवाला देते हुए किसानों से आगे नहीं बढ़ने के लिए कहा. लेकिन, कुछ कुछ किसान शंभू बॉर्डर के हरियाणा की तरफ लगाए गए बैरिकेड्स के पास पहुंच गए, तो किसानों को रोकने के लिए सुरक्षाकर्मियों ने आंसू गैस के गोले छोड़े.
किसान नेता पंधेर ने कहा, "कुछ किसानों के घायल होने के मद्देनजर हमने आज के लिए जत्था वापस बुला लिया है."
हरियाणा सरकार ने शुक्रवार को अंबाला जिले के 11 गांवों में मोबाइल इंटरनेट और बल्क एसएमएस सर्विस को 9 दिसंबर तक निलंबित कर दिया. साथ ही अंबाला जिला प्रशासन ने पांच या इससे ज्यादा व्यक्तियों के एक जगह इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगा दिया है.
किसानों ने दोपहर 1 बजे शुरू किया था मार्च
"संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले जुटे किसान केंद्र सरकार से फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर मार्च कर रहे हैं. किसान 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी सीमा बिंदुओं पर डेरा डाले हुए हैं." 'जत्थे' ने आज दोपहर 1 बजे अपना मार्च शुरू किया था, लेकिन कुछ मीटर की दूरी तय करने के बाद, उन्हें हरियाणा सरकार द्वारा लगाए गए बहुस्तरीय बैरिकेड पर रूकने के लिए मजबूर होना पड़ा.
किसान नेताओं ने जत्थे में शामिल 101 किसानों के संगठन को ‘मरजीवर’ कहा. यानी जो किसी मकसद के लिए मरने को तैयार हैं. साथ ही उन्होंने हरियाणा सरकार पर उन्हें पैदल भी मार्च करने की इजाजत नहीं देने के लिए आलोचना की.