National Register of Citizenship: मरे हुए शख्स को नागरकिता साबित करने को ट्रिब्यूनल ने भेजा नोटिस
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National Register of Citizenship: मरे हुए शख्स को नागरकिता साबित करने को ट्रिब्यूनल ने भेजा नोटिस

Foreigners Tribunal in Assam: विदेशी नागरिकों से संबंधित तृतीय अधिकरण ने जिले के उधारबंद इलाके के थालीग्राम गांव में रहने वाले श्यामन चरण दास को नोटिस भेजा है, जिनकी मौत मई 2016 में ही हो चुकी है.

  • थालीग्राम गांव में रहने वाले श्यामन चरण दास को नोटिस भेजा है, जिनकी मौत मई 2016 में ही हो चुकी है.
  • सीमा पुलिस ने अवैध प्रवासी होने के संदेह में इस साल दास के खिलाफ नए सिरे से मामला दर्ज किया-
  • दास की बेटी ने कहा कि मृत व्यक्ति को नोटिस जारी करना यह प्रदर्शित करता है कि लोगों को एनआरसी से किस तरह बाहर किया गया है 

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सिलचर: असम के कछार जिले में विदेशी नागरिकों से संबंधित अधिकरण (Foreigners Tribunal) ने एक मृत व्यक्ति को नोटिस जारी (serves notice to dead man) कर 30 मार्च को उपस्थित होने का निर्देश दिया है क्योंकि वह अपनी भारतीय नागरिकता प्रमाणित (Indian Citizenship) करने के लिए वैध दस्तावेज पेश नहीं कर सका था. कछार स्थित विदेशी नागरिकों से संबंधित तृतीय अधिकरण ने जिले के उधारबंद इलाके के थालीग्राम गांव में रहने वाले श्यामन चरण दास को नोटिस भेजा है, जिनकी मौत मई 2016 में ही हो चुकी है.

वैध दस्तावेज पुलिस के समक्ष पेश नहीं कर सका
नोटिस में कहा गया कि वह एक जनवरी 1966 से 23 मार्च 1973 के बीच कथित तौर पर बिना किसी वैध दस्तावेज के गैरकानूनी तरीके से असम में दाखिल हुआ. नोटिस में यह भी कहा गया कि वह जांच के दौरान कोई वैध दस्तावेज पुलिस के समक्ष पेश नहीं कर सका और इस प्रकार वह संदिग्ध अवैध प्रवासी है.

2015 में मामला दर्ज किया गया था
उल्लेखनीय है कि दास के खिलाफ वर्ष 2015 में मामला दर्ज किया गया था लेकिन मई 2016 में उसकी मृत्यु हो गई थी. परिवार ने इस संबंध में मृत्यु प्रमाण पत्र जमा किया था और उसी साल सितंबर में इसी अधिकरण के सदस्य ने दास का मामला बंद कर दिया था. सीमा पुलिस ने अवैध प्रवासी होने के संदेह में इस साल दास के खिलाफ नए सिरे से मामला दर्ज किया, जिसके बाद हाल में अधिकरण ने उसे नोटिस जारी किया.

एनआरसी से लोगों का उत्पीड़न किया जा रहा है 
कछार की पुलिस अधीक्षक रमणरदीप कौर ने कहा कि शिकायत पर व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया जाता है और हो सकता है कि उसी आधार पर नोटिस जारी किया गया हो, लेकिन व्यक्ति की मृत्यु होने के बाद मामले खारिज हो जाता है. दास की बेटी ने कहा कि मृत व्यक्ति को नोटिस जारी करना यह प्रदर्शित करता है कि लोगों को असम के राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) से किस तरह बाहर किया गया है और उनका उत्पीड़न किया जा रहा है.

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