पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मियानंद को अदालत ने भगौड़ा घोषित कर दिया है. साथ ही अदालत ने उन्हें 16 जनवरी तक अदालत में पेश करने का हुक्म दिया है.
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शहरजनापुर: शाहजहांपुर की एक अदालत ने पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद को भगोड़ा करार दिया है. स्वामी चिन्मयानंद गैर जमानती वारंट जारी होने के बावजूद अदालत में पेश नहीं हुए. जिसके बावजूद अदालत ने उन्हें भगोड़ा घोषित करार दिया. साल 2011 में स्वामी चिन्मयानंद पर एक शिष्या ने यौन शोषण का आरोप लगाया था. शिष्या ने उनपर बंधक बनाकर रेप करने का आरोप लगाया था.
कोर्ट ने उनके खिलाफ नोटिस जारी कर सभी पुलिस स्टेशनों को सूचना दे दी है. 16 जनवरी 2023 को गिरफ्तार करके अदालत में पेश करने के हुक्म दिया गया है.
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एमपी एमएलए कोर्ट ने चिन्मयानंद को पेश होने के लिए सम्मन भेजा था, लेकिन वो एक बार भी अदालत में पेश नहीं हुए. अदालत ने उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी किया लेकिन वो फिर भी अदालत में नहीं गए. इस मामले में उनके वकीलों ने प्रार्थना पत्र देकर 19 दिसंबर तक का समय मांगा था, लेकिन कोर्ट ने प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया. साथ ही
मामले को 2017 में योगी आदित्यनाथ सरकार ने वापस लेने की कोशिश की गई लेकिन शिकायतकर्ता के ज़रिए ऐतराज़ जाहिर कराने के बाद अदालत ने इसकी इजाज़त देने से इनकार कर दिया था.
आरोप लगाने वाली शिष्या शाहजहांपुर के स्वामी शुकदेवानंद विधि महाविद्यालय में पढ़ती थी. यहां से वो एलएलएम कर रही थी. स्वामी चिन्मयानंद का ट्रस्ट इस कॉलेज को चलाता है. छात्रा ने स्वामी चिन्मयानंद पर यौन शोषण का आरोप लगाया था.
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