सरकार ने ऐलान किया है कि मरकजी हुकूमत के किसी भी शोबे में ठेके पर काम करने वाले मुलाजिमों को पूरी सैलरी दी जाएगी. यानी लॉकडाउन के मियाद की सैलरी नहीं काटी जाएगी.
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नई दिल्लीः अगर आप मरकजी या रियासती सरकार में ठेके पर नौकरी करने वाले मुलाजिम हैं तो आपके लिए बड़ी खुशखबरी है. सरकार ने ऐलान किया है कि मरकजी हुकूमत के किसी भी शोबे में ठेके पर काम करने वाले मुलाजिमों को पूरी सैलरी दी जाएगी. यानी लॉकडाउन के मियाद की सैलरी नहीं काटी जाएगी. सैलरी 1 अप्रैल से 30 जून तक जोड़ कर दी जाएगी. गौरतलब है कि लॉकडाउन की वजह से ठेका मुलाजिमों को को घर पर रहना पड़ा था और इस हालत में उनकी हाजिरी नहीं बन पाई है. इसके अलावा सरकार ने अपने स्टाफ और पेंशनभोगियों के रुके महंगाई भत्ते को भी देने का वडा किया है.
महंगाई भत्ता में 4 फीसदी का इजाफा
मरकजी हुकूमत ने अपने मुलाजिमों के महंगाई भत्ते का भी ऐलान किया है. कोरोना की वजह से यह रुकी थी और इसमें कोई इजाफा भी नहीं हो पा रहा थी. सरकार ने कहा है कि जुलाई से केंद्रीय स्टाफ को जोड़ कर डीए मिलेगा. तीन किस्त का पैसा एक साथ मिल सकता है. इसी के साथ डीए में 4 परसेंट की वृद्धि हो सकती है. एक हालिया निर्णय के मुताबिक, सरकार ने मरकजी सरकार के स्टाफ के महंगाई भत्ते को 105 रुपये प्रति महीने से बढ़ाकर 210 रुपये कर दिया है.
सरकार को 37,530 करोड़ की बचत
केंद्र सरकार के स्टाफ अभी 17 परसेंट के हिसाब से महंगाई भत्ता पाते हैं. डीए की यह दर जुलाई 2019 से लागू है. इसमें जनवरी 2020 के बाद से बदलाव होना बाकी है. कोरोना वबा को देखते हुए सरकार ने बढ़ी हुई दर पर डीए और पेंशनभोगी के लिए डीआर पर रोक लगा दी थी. सरकार ने डीए में बढ़ोतरी को लगभग डेढ़ साल तक रोक कर रखा जिससे 37,530 करोड़ रुपये की बचत हुई है.
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