Haryana Kisan Andolan: हरियाणा किसान आंदोलन में एक किसान की मौत हो गई है. मरने वाले शख्स की उम्र 21 साल थी और बताया जा रहा है कि किसान की मौत सिर चोट लगने से हुई है.
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Haryana Kisan Andolan: किसानों का आंदोलन अब रुकने वाला नहीं है, यह बात लोग इसलिए कह रहे हैं क्योंकि एक जवान किसान की प्रोटेस्ट के दौरान मौत हो गई है. वहीं 12 पुलिसकर्मियों के घायल होने की भी खबर है. ऐसे में दिल्ली चलो आंदोलन को 2 दिनों के लिए रोकने का फैसला किया गया है. राजिंदरा अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक एचएस रेखी ने कहा कि मरने वाले प्रोटेस्टर की पहचान शुभकरण सिंह के तौर पर हुई है, जिनकी सिर पर चोट लगी है, जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई है.
किसानों की मौत के बाद अब दिल्ली चलों आंदोलन को 2 दिन के लिए डिले कर दिया गया है. प्रदर्शनकारी किसानों की मौत ने पहले से ही तनावपूर्ण हालात को और खराब कर दिया है और विपक्षी नेताओं ने विरोध प्रदर्शन के कथित गलत प्रबंधन को लेकर भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर हमला बोला है. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, जबकि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पूछा कि क्या इसी दिन के लिए हमने आजादी की लड़ाई लड़ी थी. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अहंकार फिर से किसानों की जान का दुश्मन बन गया है.
शुभकरण सिंह चल रहे किसान आंदोलन के दौरान हुई झड़पों में मरने वाले पहले किसान बन गए हैं. उनकी मौत उस चोट से हुई जिसे अधिकारियों ने "गोली" बताया, बिना यह साफ किए कि यह रबर की गोली थी या सामान्य गोली थी. सिंह के परिवार और किसान समूहों ने आरोप लगाया कि उन्हें गोली मारी गई है और सरकारी कार्रवाई होने तक उनका शव लेने से इनकार कर दिया है. एक छोटे ज़मींदार, सिंह ने अपने मानसिक रूप से बीमार पिता सहित अपने परिवार का भरण-पोषण किया है.
संयुक्त किसान मोर्चा ने सिंह की मौत पर दुख का इजहार किया है और आरोप लगाया कि सरकार "वर्तमान संकट और हताहतों के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार है". किसानों के संगठन ने हालात पर चर्चा करने और "संघर्ष को आगे बढ़ाने के लिए निर्णायक कार्रवाई" करने के लिए 22 फरवरी को अपनी राष्ट्रीय समन्वय समिति और आम सभा की बैठक बुलाई है.
हरियाणा पुलिस ने कहा कि खनौरी में प्रदर्शनकारी किसानों ने मिर्च पाउडर के साथ भूसी में आग लगा दी और सुरक्षा बलों पर पत्थरों और धारदार हथियारों से हमला किया. एआईजी (प्रशासन) मनीषा चौधरी ने एक बयान में कहा कि हमले में 12 पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए और मिर्च-युक्त भूसे के जहरीले धुएं के कारण पुलिसकर्मियों को सांस लेने में दिक्कत होने लगी और विजिबिलीटी भी कम हो गई.