नई दिल्ली: आईएस अरविंद कुमार शर्मा ने अचानक वीरआएस (VRS) ले लिया है. उनके VRS लेने से हर कोई हैरान है. अरविंद कुमार शर्मा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भरोसेमंद अफसरों में से एक माने जाते हैं. उनके वीआरएस लेने के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि उन्हें सरकार में किसी बड़े पद पर तैनात किया जा सकता है. 


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आईएएस अरविंद कुमार शर्मा (IAS Arvind Kumar Sharma) गुजरात, कैडर के 1988 बैच के IAS अफसर हैं.  यूं तो अरविंद कुमार का कार्यकाल अभी 2 साल का और बाकी था लेकिन सोमवार को उन्होंने अपने वीआरएस ले लिया. 


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मीडिया में चल रही खबरों की मानें तो शर्मा जल्दी ही भारतीय जनता पार्टी (BJP) ज्वाइन कर सकते हैं. बीजेपी में शामिल होने के बाद उनको बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है. शर्मा की नई इनिंग को लेकर हर तरफ अटकलों और चर्चाओं का बाजार गर्म है. एके शर्मा को केंद्र या उत्तर प्रदेश सरकार किसी बड़े पद की ज़िम्मेदारी दी सकती है. 


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11 अप्रैल 1962 को काजा खुर्द में जन्म लेने वाले अरविंद कुमार शर्मा 1989 में एसडीएम के तौर पर पोस्ट हुए. अरविंद कुमार शर्मा की शुरूआती तालीम काझाखुर्द प्राथमिक विद्यालय से हुई. इसके बाद शहर के डीएवी इंटर कालेज से उन्होनें हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की पढ़ाई मुकम्मल कर ग्रेजुएशन इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से की.


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अरविंद 1995 में मेहसाणा के कमिश्नर बने. गुजरात में नरेंद्र मोदी के चीफ मिनिस्टर बनने के बाद 2001 में उन्हें मुख्यमंत्री दफ्तर के सेक्रेटरी की जिम्मेदारी मिली और साल 2013 में वो मुख्यमंत्री के एडीशनल चीफ सेक्रेटरी भी बने. कहा जा रहा है अपनी सियासी इनिंग की शुरआत करने के लिए अरविंद ने वीआरएस लिया है.


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