लखनऊ/विशाल सिंह: इस बार हज के लिए फार्म बरे जाने समय खत्म हो गया है. 10 जनवरी तक हज के लिए आवेदन मांगे गए थे. इस बार कोरोना वायरस की वजह से हज के लिए जाने वालों की गिनती बहुत कम है. इस साल सिर्फ 6235 लोगों ने ही हज के लिए अप्लाई किया है.
वहीं उत्तर प्रदेश से सिर्फ 3 महिलाओं का एक ग्रुप शामिल होगा. अभी इन 3 महिलाओं का भी जाना कंफर्म नहीं हुआ है क्योंकि इन महिलाओं के अभी आवेदन मंजूर होना बाकी है. इसके अलावा पिछले सालों की बात करें तो कुल हज यात्रियों में करीब 45% महिलाएं शामिल होती थीं. जिसके बाद भी केवल 6235 आवेदन ही आए हैं.
पिछले सालों की बात करें तो साल 2013 में 45.82 फीसद, 2014 में 45.24 फीसद, 2015 में 45.05 फीसद, 2016 में 45.57 फीसद, 2017 में 46 फीसद, 2018 में 47 फीसद, 2018 में 47 फीसद महिलाएं हज पर जाती थीं. 2020 में कोरोना की वजह से हिंदुस्तान से कोई भी हज के लिए नहीं गया था.
पिछले आंकड़ों पर नजर डालें तो पिछले 5 सालों में हज पर जाने वालों की तादाद कभी 14 हजार से कम नहीं रही है. अंदाजा लगाया जा रहा है कि इस बार कोरोना के डर से लोग हज के लिए नहीं जा रहे हैं. हालांकि सिर्फ महिलाओं की तादाद में गिरावट आने की कोई खास वजह पता नहीं चली है.
लोगों के मुताबिक हज यात्रा 20वीं सदी से कभी नहीं रुकी है. हालांकि, दोनों वर्ल्ड वॉर और प्लेग के दौरान भी हज का एतिमाम किया गया था लेकिन उस वक्त भी लोगों की तादाद बहुत कम थी. इस सदी में यह पहली बार है कि जायरीन की तादाद में भारी कमी देखी जा सकती है.
इस बार कोरोना के डर और सऊदी सरकार के दबाव के चलते केंद्रीय हज कमेटी के ज़रिए लगाई गईं शर्तों की वजह से लोगों की रुचि कम हो गई है. इसके अलावा, इमकम टैक्स सम्बंधी भी कई बातें सामने आईं, जिस वजह से लोग पीछे हट गए. जिन्होंने रिटर्न नहीं भरा, वह भी पीछे हट गए.
नियमों के मुताबिक 18 से 65 साल के लोगों को ही हज पर जाने की इजाज़त दी गई थी. साथ ही यात्रा के लिए ग्रीन कैटेगरी, जो महंगी और सुविधाजनक होती है, वह खत्म कर दी गई है. हो सकता है इस वजह से भी लोगों की तादाद कम हुई है.
इसके अलावा साल 2019 में ग्रीन कैटेगरी का खर्च (लखनऊ से) 2 लाख 90 हजार के करीब हुआ करता था. अजीजिया में 2 लाख 42 हजार रुपये देने होते थे लेकिन 2021 में अजीजिया कैटेगरी में सफर का खर्च 3,44,133 रुपये है, जबकि ग्रीन कैटेगरी पूरी तरह खत्म ही कर दिया गया है.
जानकारी के मुताबिक 2018 में 46 हजार और 2019 में करीब 35 हजार लोगों ने अप्लाई किया था लेकिन 2021 में आवेदन घटकर महज़ 6235 रह गए हैं. जिस शहर से करीब 1200 लोग अप्लाई करते थे, वहां से इस साल सिर्फ 218 लोगों ने ही अप्लाई किया है. सबसे ज्यादा 370 आवेदन लखनऊ से ही आए हैं.
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