CBI Filed Charge Sheet: सीबीआई ने 3,250 करोड़ रुपये के ऋण धोखाधड़ी मामले में आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व एमडी और सीईओ चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर और वीडियोकॉन समूह के संस्थापक वेणुगोपाल धूत के ख़िलाफ़ आरोप पत्र दायर किया है. अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी.
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ICICI Bank Loan Fraud Case: आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व एमडी चंदा कोचर की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. लोन धोखाधड़ी मामले में उन पर शिकंजा कसता जा रहा है. इस मामले की जांच कर रही सीबीआई ने कोचर और उनके पति दीपक कोचर और वीडियोकॉन के प्रमोटर वेणुगोपाल धूत के ख़िलाफ पहली चार्जशीट दाख़िल कर दी है. सीबीआई की चार्जशीट में इनके अलावा 6 और लोगों के नाम भी शामिल हैं. सीबीआई ने 3,250 करोड़ रुपये के लोन धोखाधड़ी मामले में पहली चार्जशीट दाख़िल करके आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व प्रबंध निदेशक, उनके पति दीपक कोचर और वीडियोकॉन समूह के फाउंडर वेणुगोपाल धूत को बड़ा झटका दिया है.
इस मामले में अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने आईपीसी की दफ़ा 120-बी (आपराधिक साजिश) और 409 (विश्वास का आपराधिक हनन) तथा भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के प्रावधानों के तहत चार्जशीट दायर की है. अधिकारियों के अनुसार, सीबीआई ने नौ यूनिटों को नामज़द किया है, जिनमें कंपनियां और व्यक्ति शामिल हैं. उन्होंने कहा कि आईसीआईसीआई बैंक से चंदा कोचर के ख़िलाफ़ केस चलाने की मंज़ूरी की अनिवार्य आवश्यकता के बिना सीबीआई मुंबई की एक स्पेशल कोर्ट के सामने अपनी अंतिम रिपोर्ट दाख़िल करने के लिए आगे बढ़ी है.
अफ़सरान के मुताबिक़, मंज़ूरी के लिए बैंक को एक लेटर भेजा गया था, लेकिन उसके जवाब का इंतज़ार है. सीबीआई ने कोचर दंपति और धूत को बीते साल दिसंबर में गिरफ़्तार किया था. हिरासत के लिए सीबीआई की अर्ज़ी की मुख़ालेफ़त करते हुए, कोचर कपल की ओर से पैरवी कर रहे सीनियर वकील अमित देसाई अदालत के संज्ञान में एक पत्र ले आए, जिसे आईसीआईसीआई बैंक ने जुलाई 2021 में सीबीआई को लिखा था. ख़त में कहा गया था कि बैंक को किसी भी लेन-देन में कोई ग़लत नुक़सान नहीं हुआ है. बम्बई हाई कोर्ट ने इस साल नौ जनवरी को कोचर दंपति को ज़मानत दे दी थी.
साथ ही सीबीआई ने इल्ज़ाम लगाया है कि आईसीआईसीआई बैंक ने धूत द्वारा प्रवर्तित वीडियोकॉन ग्रुप की कंपनियों को बैंकिंग विनियमन अधिनियम, आरबीआई की हिदायात और बैंक की लोन पॉलिसी का उल्लंघन करते हुए 3,250 करोड़ रुपये का लोन मंज़ूर किया. इसने यह भी इल्ज़ाम लगाया कि इसके बदले में धूत ने सुप्रीम एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड (एसईपीएल) के ज़रिए से नूपावर रिन्यूएबल्स में 64 करोड़ रुपये का इंवेस्मेंट किया और 2010 और 2012 के बीच दीपक कोचर के ज़रिए प्रबंधित पिनेकल एनर्जी ट्रस्ट को एसईपीएल हस्तांतरित कर दिया.
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