Manipur Violence: मणिपुर हिंसा बिगड़ते जा रहे हालात, आयकर अधिकारी की घर से निकालकर हत्या
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Manipur Violence: मणिपुर हिंसा बिगड़ते जा रहे हालात, आयकर अधिकारी की घर से निकालकर हत्या

Manipur Violence: मणिपुरि में रजर्वेशन पर हिंसा जारी है. हिंसा में अब तक 13 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं जबकि कई लोग बेघर हो गए हैं. आज यहां एक अधिकारी घर से निकालकर जान से मार दिया गया.

Manipur Violence: मणिपुर हिंसा बिगड़ते जा रहे हालात, आयकर अधिकारी की घर से निकालकर हत्या

Manipur Violence: मणिपुर में हिंसा के दौरान इंफाल में तैनात आयकर विभाग के एक अधिकारी को उनके आधिकारिक आवास से ‘‘बाहर घसीटा’’ गया और उनकी हत्या कर दी गई. भारतीय राजस्व सेवा (IRS) एसोसिएशन ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. एसोसिएशन ने ट्वीट कर ‘‘इंफाल में हिंसा के कायरतापूर्ण कृत्य और उसमें आयकर सहायक श्री लेतमिनथांग हाओकिप की मौत’’ की कड़ी निंदा की. 

पीटकर की गई अधिकारी की हत्या

उसने कहा, ‘‘ड्यूटी पर तैनात एक निर्दोष जन सेवक की हत्या को कोई वजह या विचारधारा न्यायोचित नहीं ठहरा सकती. मुश्किल की इस घड़ी में उनके परिवार के प्रति हमारी संवेदनाएं हैं.’’ संघ ने हाओकिप की एक तस्वीर भी पोस्ट करते हुए कहा कि ‘‘उन्हें मेइती बदमाशों ने इंफाल में उनके आधिकारिक आवास से बाहर घसीटा और पीट-पीटकर उनकी हत्या कर दी.’’ यह एसोसिएशन आयकर विभाग के कर्मियों की अखिल भारतीय संस्था है. मणिपुर में पिछले 48 घंटे से जातीय संघर्ष हो रहा है. एक रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि कुल 13,000 लोगों को बचाया गया है और सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है.

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13 लोगों की गई जान

एक रिपोर्ट के मुताबिक मणिपुर में बड़े पैमाने पर हिंसा हो रही है. जारी हिंसा में अब तक 13 लोगों की मौत हो गई है. मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि हालात को काबू में लाने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं. 

क्या है पूरा मामला?

दरअसल इलाके के मैतेई समुदाय के लोग मांग कर रहे हैं कि वह उन्हें अनुसूचित जनजाति (ST) में शामिल किया जाए. लेकिन इलाके के आदिवादी लोग इस मांग का विरध कर रहे हैं. 'ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन ऑफ मणिपुर' (ATSUM) ने कहा कि मैतेई समुदाय को ST कोटे में सामिल करने की मांग जोर पकड़ रही है. इसके खिलाफ उसने मार्च आहूत किया है. संगठन का इल्जाम है कि राज्य के जनप्रतिनिध खुले तौर पर मैतेई की मांगों का समर्थन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अब आदिवासी हितों की रक्षा करने के लिए काम किया जाना जरूरी है. 

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