जम्मू-कश्मीर के नियमों में बड़ा बदलाव: कश्मीरी महिला से शादी की तो भी मिलेगी नागरिकता
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जम्मू-कश्मीर के नियमों में बड़ा बदलाव: कश्मीरी महिला से शादी की तो भी मिलेगी नागरिकता

धारा 35-A जम्मू-कश्मीर विधानसभा को राज्य के 'स्थायी निवासी' की परिभाषा तय करने का हक देती है. इसके तहत जम्मू-कश्मीर के शहरियों को कुछ खास हुकूक दिए गए हैं. 

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नई दिल्ली: सरकार ने जम्मू और कश्मीर के स्थानीय निवासी बनने के नियमों में बड़ा बदलाव किया है. नए नियमों के मुताबिक अब वो लोग जिन्होंने कश्मीरी लड़की से शादी की है और दूसरे राज्यों में रहते हैं, उनके बच्चे भी कश्मीर के स्थायी निवासी बन सकते हैं. इसके लिए सरकार की जानिब से डोमिसाइल सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा. सामान्य प्रशासन विभाग ने नए नियम की अधिसूचना जारी कर दी है.

जम्मू और कश्मीर में जब तक अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35 ए लागू था, तब तक ऐसी दशा में सिर्फ महिला ही कश्मीर की स्थायी निवासी रहती, उसके बच्चों और पति को इस दायरे से बाहर रखा गया था. अगर कश्मीरी पुरुष किसी महिला से शादी करता था तो उसे और उसके बच्चों को स्थायी निवासी माना जाता था. 

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वहीं पुरुषों के सबंध में इस नियम से पहले ढील मिली हुई थी. वे किसी भी दूसरे राज्य की महिला से शादी कर सकते थे, उससे होने वाले बच्चे कश्मीर के स्थायी निवासी ही माने जाते. कहा जा रहा है कि प्रशासन का यह कदम लैंगिक असमानता खत्म करने के लिए है. जम्मू और कश्मीर प्रशासन की ओर से यह अधिसूचना 20 जुलाई, 2021 को जारी की गई है.

धारा 35-A जम्मू-कश्मीर विधानसभा को राज्य के 'स्थायी निवासी' की परिभाषा तय करने का हक देती है. इसके तहत जम्मू-कश्मीर के शहरियों को कुछ खास हुकूक दिए गए हैं. साल 1954 में इसे संविधान में जोड़ा गया था. 1956 में जम्मू-कश्मीर का कानून बनाया गया था और इसमें स्थायी शहरियत की परिभाषा तय की गई.

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इसके तहत स्थायी नागरिक वही होता जो 14 मई 1954 को राज्य का शहरी रहा और कानूनी तरीके से राज्य में अचल संपत्ति खरीदी हो. इसके अलावा वह शख्स जो 10 सालों से राज्य में रह रहा हो या 1 मार्च 1947 के बाद राज्य से माइग्रेट होकर चले गए हों, लेकिन प्रदेश में वापस रीसेटलमेंट परमिट के साथ आए हों.

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