केंद्र सरकार के खिलाफ उतरे केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक; इसलिए नाराज हैं दक्षिण के राज्य
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केंद्र सरकार के खिलाफ उतरे केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक; इसलिए नाराज हैं दक्षिण के राज्य

Southern State Protest in Delhi: केंद्र सरकार की तरफ से धन आवंटित नहीं किए जाने के खिलाफ केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. उनका कहना है कि वह जितना कर देते हैं उन्हें उतनी राशि नहीं मिलती है.

केंद्र सरकार के खिलाफ उतरे केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक; इसलिए नाराज हैं दक्षिण के राज्य

Southern State Protest in Delhi: धन के आवंटन में कथित भेदभाव और उपेक्षा को लेकर भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के खिलाफ केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक नाराज हैं.. इस मामले में केरल का वाम मोर्चा और तमिलनाडु का द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रविड़) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केन्द्र सरकार के खिलाफ बृहस्पतिवार को दिल्ली में विरोध प्रदर्शन करेंगे. इन दलों ने केन्द्र पर अनदेखी करने और उनके राज्यों में कोष आवंटन में भेदभाव करने का आरोप लगाया है.

केंद्र कर रही भेदभाव
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन पूर्वाह्न में होने वाले वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) के विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करेंगे. प्रदर्शन में वाम मोर्चे के मंत्री, विधायक और सांसद शामिल होंगे. विजयन ने बुधवार को कहा कि केरल के प्रति केन्द्र के भेदभाव से राज्य में आर्थिक तंगी है और इसी वजह से वे प्रदर्शन करने के लिए मजबूर हुए हैं. उन्होंने इल्जाम लगाया कि केन्द्र सरकार की कार्यप्रणाली ने सहकारी संघवाद को कमजोर किया है. 

तमिलनाडु धन आवंटने के खिलाफ
द्रमुक के विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व पार्टी के सीनियर नेता टी आर बालू करेंगे. अंतरिम बजट 2024-25 में तमिलनाडु को अपेक्षित धन का आवंटन न करने पर केंद्र के विरोध में पार्टी के सदस्य संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के पास विरोध प्रदर्शन करेंगे. द्रमुक का इल्जाम है कि तमिलनाडु को चक्रवात, बारिश और बाढ़ से हुए नुकसान से निपटने के लिए उचित धनराशि नहीं दी गई और केंद्र सरकार ने राज्य के साथ भेदभाव किया.

कर्नाटक ने की शुरूआत
बुधवार को, कर्नाटक कांग्रेस के दिग्गज नेता और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अपने डिप्टी डीके शिवकुमार और राज्य के अन्य मंत्रियों के साथ करों के हस्तांतरण में दक्षिणी राज्यों के साथ कथित अन्याय को लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया है. इससे सबसे पुरानी पार्टी और केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के बीच राजनीतिक खींचतान शुरू हो गई.

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