Arsh Dala Arrest: लुधियाना में जन्मे अर्शदीप सिंह गिल उर्फ अर्श डाला को भारत सरकार ने 2023 में आतंकवादी घोषित किया था. अर्श डाला पिछले साल मारे गए खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर का करीबी है.
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Arsh Dala Arrest: खालिस्तानी आतंकवादी अर्शदीप उर्फ अर्श डाला को आज यानी 10 नवंबर को कनाडा में गिरफ्तार कर लिया गया है. जराए के मुताबिक, अर्श डाला की कनाडा में हुई गिरफ्तारी की तस्दीक भारतीय सिक्योरिटी एजेंसी ने भी कर दी है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मारे गए खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर के करीबी अर्श डाला को 27-28 अक्टूबर को कनाडा में हुई गोलीबारी के बाद कनाडाई पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
कौन है अर्श डाला?
लुधियाना में जन्मे अर्शदीप सिंह गिल उर्फ अर्श डाला को भारत सरकार ने 2023 में आतंकवादी घोषित किया था. गृह मंत्रालय (MHA) की गजट नोटिफिकेशन के मुताबिक, डाला प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन खालिस्तान टाइगर फोर्स से जुड़ा है. डाला पर हत्या, जबरन वसूली और लक्षित हत्याओं जैसे जघन्य अपराधों में शामिल होने का इल्जाम है. उस पर आतंकवाद के वित्तपोषण, बड़े पैमाने पर ड्रग्स और हथियारों की सीमा पार तस्करी का भी आरोप है.
गृह मंत्रालय की नोटिफिकेशन के मुताबिक, अर्श डाला राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा दर्ज और जांच किए गए मुख्तलिफ मामलों में मुल्जिम है, जिसमें लक्षित हत्या, आतंकी फंडिंग के लिए धन उगाही, हत्या की कोशिश, सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ना और पंजाब राज्य में लोगों के बीच आतंक पैदा करना शामिल है.
अर्श डाला के दो सहयोगी गिरफ्तार
एक ताजा घटनाक्रम में पंजाब पुलिस ने पिछले महीने राज्य के फरीदकोट जिले में सिख कार्यकर्ता गुरप्रीत सिंह हरि नौ की हत्या के मामले में कथित संलिप्तता के लिए अर्श डाला के दो प्रमुख गुर्गों को आज यानी 10 नवंबर को गिरफ्तार किया. कनाडा स्थित गैंगस्टर के निर्देश पर गिरफ्तार किए गए दोनों लोगों ने मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में जसवंत सिंह गिल (45) नामक एक व्यक्ति की भी गोली मारकर हत्या कर दी.
भारत-कनाडा कूटनीतिक तनाव
दरअसल, पिछले साल 18 जून को सरे में हरदीप सिंह निज्जर की गोली मारकर हत्या के बाद से भारत और कनाडा के बीच बढ़े तनाव के बीच हुआ है. कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने निज्जर की हत्या के लिए भारतीय सरकारी एजेंटों पर इल्जाम लगाया है.
6 राजनयिक निष्कासित
पिछले महीने भारत ने अपने राजदूत संजय वर्मा को वापस बुला लिया था, क्योंकि कनाडा के अधिकारियों ने निज्जर की हत्या की जांच में उन्हें और अन्य राजनयिकों को "रुचि के व्यक्ति" के रूप में नामित किया था. मोदी सरकार ने इस कदम की निंदा की और छह कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित भी किया.