जानिए कब और कैसे शुरू हुई तबलीगी जमात...
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जानिए कब और कैसे शुरू हुई तबलीगी जमात...

तब्लीग़ी जमाअत यानी एक ऐसा ग्रुप जो मुल्क और दुनिया के मुसलमानों के बीच जाकर दीन और ईमान की बात करता है। जमात के लोग मस्जिदों मे रहकर अपना सारा समय, नमाज़, क़ुरान को पढ़ना, और अल्लाह के ज़िक्र वक़्त में बिताते हैं। इसी सिलसिले मे तबलीगी जमाअत हिंदुस्तान से ग़ैर मुल्कों  में और बैरूने म

जानिए कब और कैसे शुरू हुई तबलीगी जमात...

नई दिल्ली: तब्लीग़ी जमाअत यानी एक ऐसा ग्रुप जो मुल्क और दुनिया के मुसलमानों के बीच जाकर दीन और ईमान की बात करता है। जमात के लोग मस्जिदों मे रहकर अपना सारा समय, नमाज़, क़ुरान को पढ़ना, और अल्लाह के ज़िक्र वक़्त में बिताते हैं। इसी सिलसिले मे तबलीगी जमाअत हिंदुस्तान से ग़ैर मुल्कों  में और बैरूने मुल्क से हिंदुस्तान में  आती जाती रहती हैं और इसकी जानकारी मक़ामी विजिलेंस से लेकर वज़ारते ख़ारजा तक सबको रहती है । तब्लीग़ी जमाअत का सिलसिला हिंदुस्तान में मुल्क की आज़ादी से पहले से चल रहा है ये पूरे साल जारी रहता है।

अब आपको बताते हैं कि तबलीगी जमात मरक़ज़ का क्या मतलब होता है..मरकज, जमात और तबलीगी जमात तीनों शब्दों के अलग अलग मीनिंग होते हैं। मरकज का मतलब होता है ग्रुप मीटिंग। जमात का मीनिंग होता है ग्रुप या टोली। तबलीगी जमात का अर्थ होता है अल्लाह और दीन का प्रचार-प्रसार करने वाला ग्रुप। तबलीगी जमात के विचारों को मानने वाले लोग पारंपरिक और पुरानी इस्लामिक परंपराओं को मानते हैं। तबलीगी जमात की शुरुआत मुस्लिम मज़हब के अनुयायियों में इस्लाम का प्रचार प्रसार करते रहने के मकसद से हुई थी। मेन ऑफिस दिल्ली की निज़ामुद्दीन स्थित मरकज़ है.

तबलीगी जमात देवबंद मकतबे फिक्र से मुन्सलिक है। इसकी शुरुआत हिंदुस्तान में अंग्रेजों के जमाने में ही हो गई थी। हजरत मौलाना इलियास कांधलवी ने 1926-27 में सुन्नी मुसलमानों के तंजीम तबलीगी जमात तंजीम कायम की गई थी. दिल्ली में निजामुद्दीन में मौजूद मस्जिद से की थी। इस्लाम की शिक्षा देने के लिए इलियास शुरुआत में हरियाणा के मेवात के मुस्लिम समुदाय के लोगों को पहली जमात में ले गए थे।

हिंदुस्तान में तबलीगी जमात का पहला मज़हबी प्रोग्राम 1941 में हुआ था। इसमें 25000 लोग शामिल हुए थे। 1940 तक जमात का प्रोग्राम महज हिंदुस्तान तक ही सीमित था लेकिन धीरे, धीरे बाद में पाकिस्तान और बांग्लादेश में भी इसकी तंजीमें कायम की गईं। तबलीगी जमात हर साल एक सालाना मज़हबी प्रोग्राम का इनेकाद किया जाता है जिसे इज्तेमा के नाम से जानते हैं।

जमात के 6 उसूल  होते हैं.कलिमा, सलात, इल्म, इक्राम-ए-मुस्लिम, इख्लास-ए-निय्यत, दावत-ओ-तबलीग। तबलीगी जमात के यह छह अहम उसूल बताए जाते हैं।बता दें कि कोरोना के चलते हुई मौत के बाद दिल्ली निज़ामुद्दीन तब्लीग़ी जमाअत चर्चा का सबब बना हुआ है.

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