निवार नाम 2020 में उत्तर हिंद महासागर से उठे चक्रवातों के लिए जारी नामों की फहरिस्त से इस्तेमाल किया गया तीसरा नाम है
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नई दिल्ली: तमिलनाडु और चेन्नई के आस पास के इलाकों में चक्रवाती तूफान निवार को लेकर अलर्ट जारी किया हुआ है. इन इलाकों में पिछले 24 घंटों से भी ज्यादा वक्त से मुसलसल बारिश हो रही है. IMD ने पेशेनगोई की है कि आज रात तक तूफान इन इलाकों से गुजरेगा. जानकारी के मुताबिक चक्रवाती तूफान निवार के गुज़रते वक्त 100 से 150 किलोमीटर फी घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं. तूफान से निपटने के लिए तमिलनाडु, पुडुचेरी और आंध्र प्रदेश में 1200 रेस्क्यू ट्रूपर्स तैनात किए गए हैं.
क्या है 'निवार' का मतलब
निवार शब्द का मतलब का रोकथाम करना और बीबीसी की खबर के मुताबिक इस तूफान का नाम ईरान की जानिब से सुझाया गया है. यह 2020 में उत्तर हिंद महासागर से उठे चक्रवातों के लिए जारी नामों की फहरिस्त से इस्तेमाल किया गया तीसरा नाम है.
कैसे रखा जाता है नाम
दरअसल 1953 से मायामी नेशनल हरीकेन सेंटर और वर्ल्ड मीटरियोलॉजिकल ऑर्गनाइजेशन (WMO) तूफ़ानों और उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के नाम रखता रहा है लेकिन उत्तरी हिंद महासागर में उठने वाले चक्रवातों का कोई नाम नहीं रखा गया था. ऐसे में, भारत की पहल पर 2004 में हिंद महासागर क्षेत्र के आठ मुल्कों ने तूफानों के नामकरण की व्यवस्था का आगाज़ गिया. इसमें बांग्लादेश, भारत, मालदीव, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान, थाईलैंड और श्रीलंका इनमें शामिल हैं. भारत ने अब तक 32 तूफानों में से चार को नाम दिया है - लहर, मेघ, सागर और वायु. वहीं, पाकिस्तान की तरफ से फानूस और नर्गिस तूफानों के नाम रखे गए.
तूफान का नाम इसलिए रखा जाता है ताकि लोगों को इसके बारे में आसानी से चेतावनी दी जा सके. इससे होने वाले खतरे के बारे में भी लोगों को जल्द से जल्द मोहतात किया जा सके. लोग अगर तूफान से वाकिफ होंगे तो सरकार के साथ तालमेल बनाकर बेहतर ढंग से तैयारियां कर सकेंगे. साथ ही लोग इन तूफानों के नाम याद रख सकें इसलिए तूफानों का नाम छोटा रखा जाता है.
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