Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र में जारी संकट की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा है कि हमें सभी को उचित अवसर देने की जरूरत है. हर किसी को उचित समय मिलना चाहिए.
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Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र में जारी सियासी संकट के बीच सुप्रीम कोर्ट की तरफ से आज शिंदे गुट के बागी विधायकों को बड़ी राहत मिली है और वहीं डिप्टी स्पीकर को बड़ा झटका लगा है. शिंदे गुट की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने डिप्टी स्पीकर के नोटिस पर रोक लगाते हुए बागी विधायकों को अयोग्यता पर जवाब देने के लिए और मोहलत दे दी है. इस इस केस की अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी. तब डिप्टी स्पीकर इन बागी विधायकों को अयोग्य नहीं ठहरा सकता है.
सबको उचित मौका मिलना जरूरी है: SC
महाराष्ट्र में जारी संकट की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा है कि हमें सभी को उचित अवसर देने की जरूरत है. हर किसी को उचित समय मिलना चाहिए ताकि हम गुण के आधार पर सभी सवालों का जवाब दे सकें.
बागी विधायकों की हिफाजत यकीनी बनाए राज्य सरकार SC
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से बागी विधायकों की हिफाजत को भी यकीनी बनाने के लिए कहा है. कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार कानून व्यवस्था बनाए रखे और सभी 39 विधायकों के जीवन और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए पर्याप्त कदम उठाए. उनकी संपत्ति को कोई नुकसान न पहुंचे.
Supreme Court issues notice to Deputy Speaker, Secretary of Maharashtra State Legislative Assembly, Centre and others on pleas filed by rebel MLAs against the disqualification notice issued by the Deputy Speaker Narhari Zirwal against Eknath Shinde and 15 other rebel legislators. pic.twitter.com/oYrAKW9CZ4
— ANI (@ANI) June 27, 2022
सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों को जारी किया नोटिस
वहीं आज सुप्रीम कोर्ट ने बागी विधायक एकनाथ शिंदे की अर्जी पर सुनवाई करते हुए सभी पक्षों को नोटिस जारी किया है और सभी पक्षों को इस नोटिस का जवाब पांच दिनों के अंदर देना है. जिन पक्षों को नोटिस जारी किया गया है, उसमें डिप्टी स्पीकर, विधानसभा के सचिव, केंद्र सरकार, महाराष्ट्र पुलिस, शिवसेना विधायक दल के नेता अजय चौधरी, सुनील प्रभु वगैरह शामिल हैं.
बागी विधायकों ने किया था सुप्रीम कोर्ट का रुख
काबिले ज़िक्र है कि शिवसेना (Shiv Sena) की गुजारिश पर डिप्टी स्पीकर ने शिंदे (Eknath Shinde) और दूसरे 15 बागी विधायकों को नोटिस जारी किया था और 27 जून शाम तक जवाब दाखिल करने को कहा था. शिवसेना ने 16 बागी विधायकों को निलंबित करने का डिप्टी स्पीकर से अनुरोध किया था. इस नोटिस को लेकर एकनाथ शिंदे और 15 अन्य बागी विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का दरवाजा खटखटाया था और कहा था कि डिप्टी का स्पीकर का नोटिस गैर-कानूनी और गैर-आइनी है. इसके बागी विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी सुरक्षा का मुद्दा उठाया था.
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