Birbhum District Violence Update: बीरभूम मामले में सियासत तेज हो गई है. सियासी पार्टियां एक दूसरे पर आरोप लगा रही हैं. इस मामले को लेकर बीजेपी ने बीजेपी ने आरोप लगाया है कि तृणमूल कांग्रेस से जुड़े ‘गुंडों’ ने बदला लेने के लिए इन लोगों के घरों में आग लगा दी.
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नई दिल्ली: बीरभूम में हुई हिंसा के बाद सियासत तेज होने लगी है. बीजेपी टीएमसी पर निशाना साध रही है तो वहीं सीएम ममता बनर्जी इस हिंसा के पीछे विपक्ष का हाथ बता रही हैं. बीजेपी का कहना है कि टीएमसी से जुड़े गुंडों ने बदला लेने के लिए इन लोगों को घरों में आग लगाई है. आपको बता दें इस हिंसा में महिलाओं और बच्चों समेत 8 लोगों की जान जा चुकी है.
क्या बोलीं ममता बनर्जी
आपको बता दें ममता बनर्जी बीरभूम के रामपुरहाट का दौरा करेंगी. उन्होंने हिंसा को लेकर कहा कि यह विपक्ष की साजिश है. ममता बनर्जी ने एक प्रोग्राम के दौरान कहा "हम सरकार चला रहे हैं. हम हत्या, खूनखराबा और बम विस्फोट हों, ऐसे क्यों चाहेंगे? इस तरह की चीजें जो सत्ता में नहीं हैं उनकी ओर से सिर्फ सरकार को परेशान करने और हमें बदनाम करने के लिए की जाती हैं."
क्या है मामला?
पुलिस के मुताबिक बीरभूम जिले के रामपुरहाट में मंगलवार तड़के कुछ घरों में आग लगने से दो बच्चों समेत आठ लोगों की मौत हो गई. यह घटना सोमवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के पंचायत स्तर के नेता भादू शेख की कथित हत्या के कुछ घंटों के बाद हुई. बीजेपी का आरोप है कि तृणमूल कांग्रेस से जुड़े ‘गुंडों’ ने बदला लेने के लिए इन लोगों के घरों में आग लगा दी.
महिला आयोग एक्शन मोड में
राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक से बीरभूम हिंसा मामले में हस्तक्षेप करने और कड़ी कार्रवाई करने को कहा है. एनसीडब्ल्यू ने पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को इस मामले में की गई कार्रवाई के बारे में उसे 24 घंटे के भीतर जानकारी देने को भी कहा है. राष्ट्रीय महिला आयोग ने बंगाल के डीजीपी मनोज मालवीय को एक पत्र लिखकर इस घटना पर चिंता व्यक्त की और कहा कि उसने प्रभावित क्षेत्रों में महिलाओं के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपाय करने में पुलिस अधिकारियों की ओर से हुई “चूक” को गंभीरता से लिया है.
एनसीडब्ल्यू ने कहा, ‘‘राष्ट्रीय महिला आयोग पश्चिम बंगाल में महिलाओं सहित अन्य लोगों के साथ हुई क्रूरता को लेकर बेहद विक्षुब्ध है. यह ध्यान में रखते हुए कि इस तरह के संकट के समय में महिलाएं और बच्चे सबसे अधिक असुरक्षित होते हैं, यह अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाता है कि महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए. ‘‘महिला आयोग ने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य के पुलिस महानिदेशक को मामले में व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप करना चाहिए और दोषियों को तुरंत गिरफ्तार कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए"
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