नई दिल्लीः मुल्क में पांचवीं पीढ़ी (5जी) के स्पेक्ट्रम की नीलामी में सोमवार को रिलायंस जियो कंपनी सबसे बड़ी बोलीदाता के तौर पर सामने आई है. कंपनी ने 88,078 करोड़ रुपये की बोली लगाकर नीलामी में बिके कुल स्पेक्ट्रम में से तकरीबन आधा हिस्सा हासिल कर लिया है. दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव के मुताबिक, अडाणी समूह ने 212 करोड़ रुपये में 400 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम खरीदा है. अडाणी ग्रुप ने 26 मेगाहर्ट्ज बैंड में स्पेक्ट्रम खरीदा है, जबकि जियो ने उम्दा माने जाने वाले 700 मेगाहर्ट्ज बैंड समेत विभिन्न बैंड में स्पेक्ट्रम खरीदा है. 
यह 6-10 किमी ‘सिग्नल’ दायरा दे सकता है और मुल्क में सभी 22 सर्किल में पांचवीं पीढ़ी के लिए एक अच्छा आधार तैयार कर सकता है. अगर 700 मेगाहर्ट्ज बैंड का इस्तेमाल किया जाता है, तो एक टावर ही काफी बड़े इलाके को कवर कर सकता है.

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किन कंपनियों की कितनी हिस्सेदारी  
दूरसंचार क्षेत्र के दिग्गज कारोबारी सुनील मित्तल की भारती एयरटेल ने 43,084 करोड़ रुपये में 19,867 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम खरीदा है. वहीं, वोडाफोन और आइडिया ने 18,784 करोड़ रुपये का स्पेक्ट्रम खरीदा है. केन्द्रीय मंत्री वैष्णव ने कहा कि कुल मिलाकर 1,50,173 करोड़ रुपए की बोलियां लगाई गई हैं. सरकार कुल 10 बैंड में पेश किए गए 72,098 मेगाहर्ट्ज में से 51,236 मेगाहर्ट्ज या 71 फीसदी स्पेक्ट्रम बेच पाई है. मंत्री ने कहा है कि सरकार पहले साल में स्पेक्ट्रम मद में 13,365 करोड़ रुपए हासिल करेगी. मंत्री के दावों पर भरोसा करें तो देश में 5जी सेवाएं अक्टूबर तक शुरू की जा सकती हैं.


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