13 साल की नाबालिग लड़की को गांव की ’आशा’ कार्यकर्ता ने खिलाई एबॉर्शन की दवा, चार माह बाद एक गुनाह का खुलासा
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13 साल की नाबालिग लड़की को गांव की ’आशा’ कार्यकर्ता ने खिलाई एबॉर्शन की दवा, चार माह बाद एक गुनाह का खुलासा

पुलिस ने सोमवार को आशा कार्यकर्ता को गुनाहगारों को बचाने और उसके गुनाह पर पर्दा डालने के इल्जाम में गिरफ्तार कर लिया है. 

अलामती तस्वीर

महोबाः उत्तर प्रदेश के महोबा जिले से एक बेहद शर्मनाक वारदात की खबर आई है. यहां कुछ लोगों ने चार माह पहले एक नाबालिग लड़की के साथ इज्तमाई तौर पर आबरूरेजी की वारदात को अंजाम दिया था. उसके बाद नाबालिग लड़की के प्रेग्नेंट होने के बाद गांव की एक ’आशा’ कार्यकर्ता ने लड़की को हमल गिराने की दवा खिला दी. लड़की की हालत बिगड़ने पर उसे अस्पताल ले जाया गया जिसके बाद इस पूरे मामला के खुलासा हुआ. पुलिस ने सोमवार को आशा कार्यकर्ता को गुनाहगारों को बचाने और उसके गुनाह पर पर्दा डालने के इल्जाम में गिरफ्तार कर लिया है. 

चार नौजवानों के खिलाफ दर्ज कराया बयान 
श्रीनगर के एसएचओ संजय शर्मा ने बताया कि इस शर्मनाक वारदात का खुलासा गुजिश्ता जुमे को हुआ जब आशा कार्यकर्ता ने लड़की को एबॉर्शन कराने वाली दवाई खिलाई. इसके बाद लड़की की तबियत अचानक बिगड़ गई. उसे अस्पताल में दाखिल कराया गया. लड़की ने पुलिस को दिए बयान में कहा है कि चार माह पहले गांव के ही बीपी सिंह, राम बाबू, रघु राइकवार और शत्रुघन सिंह ने उसके साथ असमतदरी की थी. सभी ने उसे इस घटना का किसी से जिक्र करने पर जान से मारने की धमकी देकर उसका मुंह बंद करा दिया था.  

आशा पर साजिश में शामिल होने का इल्जाम 
पुलिस ने बताया है कि आशा कार्यकता का रोल इस पूरे क्राइम में एक हिस्सेदार की तरह रहा है. उसने इस गुनाह को ढकने में मुल्जिमों की मदद की है. पुलिस ने सोमवार को आशा कार्यकर्ता सुशीला को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. पुलिस इस केस में बाकी मुल्जिमों की तलाश कर रही है. वहीं मजलूम लड़की के अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद कोर्ट में उसका बयान दर्ज कराया जाएगा. 

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