फैज़ुल हसन कहते हुए सुने जा रहे हैं, 'अगर सब्र देखना है तो हिन्दुस्तानी मुसलमानों का देखिए. हमने कभी नहीं चाहा कि हिन्दुस्तान टूटे. वरना रोक नही पाएंगे. हम उस क़ौम से हैं कि अगर हम बर्बाद करने पर आएंगे तो छोड़ेंगे नहीं किसी भी देश को. इतना गुस्सा है हम में.
Trending Photos
अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी स्टुडेंट यूनियन के साबिक सद्र फैज़ुल हसन का एक मुतनाज़ा और भड़काऊ बयान सोशल मीडिया में चर्चा का मोज़ू बना हुआ है. फैज़ुल हसन के एएमयू में दिए गए इस बयान का एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया में तेज़ी से वायरल हो रहा है.इस वीडियो में फैज़ुल हसन कहते हुए सुने जा रहे हैं, 'अगर सब्र देखना है तो हिन्दुस्तानी मुसलमानों का देखिए. हमने कभी नहीं चाहा कि हिन्दुस्तान टूटे. वरना रोक नही पाएंगे. हम उस क़ौम से हैं कि अगर हम बर्बाद करने पर आएंगे तो छोड़ेंगे नहीं किसी भी देश को. इतना गुस्सा है हम में.
''गला भी काट रहे हैं और हमें धमकी भी दे रहे हैं'
शहरियत तरमीमी कानून (सीएए) और क़ौमी शहरियत रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में जारी एहतेजाजी मुज़ाहिरों के दरमियान 22 जनवरी को फैज़ुल हसन ने यह बयान दिया. वह यूनिवर्सिटी में तलबा को खिताब कर रहे थे.फैज़ुल हसन यहीं नहीं रुके और आगे कहा, 'इस मुल्क को बचाने के लिए हमने लड़ाई लड़ी है, अपने गले कटवाए हैं. इसलिए हम हमेशा मुल्क को बचाने की कोशिश करेंगे. अमित शाह ऐसा न करें. गला भी काट रहे हैं और धमकी भी दे रहे हैं.'
'एएमयू के 12वीं के तालिबे इल्म से बहस करें अमित शाह'
शहरियत तरमीमी कानून और और क़ौमी शहरियत रजिस्टर पर वज़ीरे दाखला अमित शाह को बहस के चैलेंज देते हुए फैज़ुल हसन ने कहा, 'आइए, अमित शाह आप हमारे 12वीं जमाअत क्लास के स्टूडेंट से बहस करिए. मुझे पूरी उम्मीद है कि आप जीत नहीं पाएंगे. वह (अमित शाह) इस कानून के बारे में पांच अच्छे पॉइंट बता दें तो मैं उनके साथ सीएए की हिमायत में खड़ा हो जाऊंगा. लेकिन हमारे पास सीएए-एनआरसी के खिलाफ 50 पॉइंट हैं. कल को जब इक्तेदार से हटेंगे तो सबसे पहले वही बाहर निकाले जाएंगे.'