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ग्वाहाटी/ सैफुद्दीन अहमद: मुल्क में जहां कुछ लोग मज़हब के नाम पर लड़ते झगड़ते हैं वहीं कुछ ऐसे लोग हैं जो हिंदुस्तान की सकाफत और गंगा जमुनी तहज़ीब को बचाए हुए हैं. एक ऐसी खबर आई है आसाम के धुबरी के गौरीपुर से, यहां पर कुछ मुस्लिम लोगों ने एक हिंदू खातून की आखिरी रसूमात को अंजाम को देकर आपसा भाईचारे की मिसाल पेश की है.
दरअसल गौरी पुर में रहने वाली शांति देवी नामी बुज़ुर्ग खातून का लॉकडाउन के दौरान इंतेकाल हो गया. जिस जगर वो रहती थीं वह मुस्लिम अक्सरियती इलाका है और लॉकडाउन के सबब भी कुछ रिश्तेदार वगैरा आने में ना अहल रहे. जिसके बाद मकामी मुसलमानों और ऑस असम माइनॉरिटी स्टूडेंट यूनियन के नौजवानों खातून की आखिरी रसूमात को हिंदू मज़हब की रीति-रिवाज का मुताबिक अंजाब दिया.
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इस दौरान मॉइनारिटी स्टूडेंट मिनट इस्लाम ने कहा कि हम लोग इस तरह से पहले भी कई लोगों की आखिरी रसूमात अंजाम दे चुके हैं और आगे भी मजबूर लोगों को हमारी जानिब से मुकम्मल तआवुन मिलता रहेगा.