पुरोला में गत सोमवार को तनाव शांत करने के लिए जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक पुरोला गए. जहां देर रात तक शांति व्यवस्था बहाल करने की अपील को लेकर व्यापारियों और हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं की बैठक हुई. लेकिन, बैठक में कोई नतीजा नहीं निकल पाया.
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पुरोला में तनाव को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने 15 जून को होने वाली महापंचायत के आयोजनकतार्ओं को अनुमति नहीं दी है. विश्व हिंदू परिषद (VHP) और प्रधान संगठन की ओर से अनुमति मांगी गई थी. इसके अलावा पुरोला में धारा 144 लागू करने की तैयारी की जा रही है. पुलिस अधीक्षक ने शांति व्यवस्था व कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए एक कंपनी पीएसी भी मांगी है.
सीएम धामी से मिले मुस्लिम विधायक
उधर, पुरोला मसले पर कुछ मुस्लिम विधायकों ने सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की. मुख्यमंत्री ने साफ कहा, किसी को भी कानून हाथ में नहीं लेने दिया जाएगा. दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी. मुख्यमंत्री से मिला मुस्लिम जनप्रतिनिधिमंडल पुरोला मामले में जनप्रतिनिधियों का प्रतिनिधिमंडल सोमवार की शाम मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मिला.
आरोपियों के खिलाफ हो कार्रवाई
उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स, लक्सर विधायक हाजी मौ. शहजाद, राज्य हज समिति के अध्यक्ष खतीब अहमद, वक्फ बोर्ड के सदस्य मोहम्मद अनीस, सदस्य इकबाल अहमद, राज्य हज समिति सदस्य नफीस अहमद ने मांग की कि पहाड़ में माहौल खराब कर रहे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की की जाए. पीढ़ियों से राज्य में रह रहे लोगों को कुछ असामाजिक तत्व प्रताड़ित कर रहे हैं. जिससे समुदाय विशेष के लोग पलायन कर रहे हैं.
सामान्य नहीं हुए हालात
वहीं नाबालिग लड़की को भगाने की घटना को 18 दिन बीत गए हैं. लेकिन, पुरोला में अभी तक हालात सामान्य नहीं हुए हैं. बल्कि 15 जून को होने वाली प्रस्तावित महापंचायत को लेकर मुस्लिम व्यापारियों में डर का माहौल और अधिक बढ़ गया है.
क्या है मामला?
गत 26 मई को बिजनौर निवासी जितेंद्र सैनी और उवेस खान ने पुरोला में एक नाबालिग लड़की को भगाने का प्रयास किया. जिन्हें स्थानीय लोगों और व्यापारियों ने पकड़ा. जिसके बाद पुरोला में मुस्लिम व्यापारियों के विरुद्ध स्थानीय व्यापारियों और स्थानीय लोगों में आक्रोश बढ़ा. तब से अभी तक पुरोला में मुस्लिम व्यापारियों की एक भी दुकान नहीं खुल पाई है. पुरोला में 30 से अधिक दुकानें पिछले 18 दिनों से बंद हैं. जबकि 14 व्यापारियों ने दुकानें खाली कर दी हैं.
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