मुस्लिम संगठन ने दी चेतावनी, “किसी मौलाना के कहने पर UP Election में वोट न करें मुसलमान”
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मुस्लिम संगठन ने दी चेतावनी, “किसी मौलाना के कहने पर UP Election में वोट न करें मुसलमान”

इस दौरान एक सवाल के जवाब में बोर्ड ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि अगर असदुद्दीन ओवैसी मुसलमानों के मुद्दों पर खरे उतरते हैं तो मुसलमानों को असदुद्दीन ओवैसी से भी परहेज नहीं करना चाहिए.

 

पर्सनल लॉ बोर्ड ऑफ इंडिया के प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोर्ड सदस्य

लखनऊः मुसलमानों का नया संगठन मुस्लिम पर्सनल लाॅ बोर्ड ऑफ इंडिया (The Muslim Personal Law Board of India) ने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ (Lucknow) में बड़ी प्रेस कॉन्फ्रेंस की है. बोर्ड ने मुसलमानों के मुखतलिफ मुद्दों के साथ धर्मों की सियासत करने वाले लोगो पर गहरी नाराजगी जताई है. बोर्ड के सद्र मौलाना कारी यूसुफ आजिजी (Maulana Qari Yusuf Ajiji) और सेक्रेटरी मोहम्मद मुईन (Secretary Mohammad Muin) ने सरकार से मजहबी जजबात भड़काने वाले लोगो पर सख्त कारवाई करने की मांग की है.

वसीम रिजवी के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर 
राजधानी लखनऊ के यूपी प्रेस क्लब में मुसलमानों का नया संगठन पर्सनल ला बोर्ड ऑफ इंडिया के तमाम मेंबर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके ऐसे विवादित लोगों पर सरकार से कार्रवाई की मांग की है जो मजहबी जज्बात भड़काने में बराबर विवादों में घिरे हुए हैं जिसमें से शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी (Wasim Rizwi) और मदरसों को लेकर विवादित बयान देने वाले राज्य मंत्री रघुवीर राज सिंह के बयान पर गहरा एतराज जताया गया. यही नहीं पर्सनल लॉ बोर्ड ने वसीम रिजवी के खिलाफ हजरतगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराने के लिए तहरीर भी दी है. 

चुनाव में साफ सुथरी छवि के उम्मीदवार को तरजीह दे मुसलमान
बोर्ड ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मुसलमानों से अपील की है कि उत्तर प्रदेश 2022 के विधानसभा चुनाव में मुसलमान अपनी सूझबूझ का इस्तेमाल करें और साफ-सुथरी छवि वाले उम्मीदवार को जिताने की कोशिश करें. बोर्ड ने कहा कि किसी मौलाना के कहने पर मुसलमान वोट ना करें बल्कि जो मुसलमानों के अहम मुद्दे हैं जैसे शिक्षा, चिकित्सा रोजगार और कारोबार उन मुद्दों पर जो बात करने को तैयार हो उस पार्टी को ज्यादा तरजीह दें. इस दौरान एक सवाल के जवाब में बोर्ड ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि अगर असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) मुसलमानों के मुद्दों पर खरे उतरते हैं तो मुसलमानों को असदुद्दीन ओवैसी से भी परहेज नहीं करना चाहिए.

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड से अलग है ये संगठन 
गौरतलब है कि मुसलमानों का नया बोर्ड मुस्लिम पर्सनल लाॅ बोर्ड ऑफ इंडिया पहले भी कई प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुका है और मुसलमानों के विभिन्न मुद्दों पर खुलकर अपनी राय रखता रहा है. हालांकि पुराने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड से यह बोर्ड बहुत इत्तेफाक नहीं रखता है, लेकिन इस बोर्ड में मुसलमानों से जुड़े कई अहम मुद्दों पर चर्चा होती रहती है. इस चुनावी साल मे यह कयास लगाया जा रहा है कि यूपी 2022 के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भी बोर्ड सियासी जमातों में मुसलमानों की हिस्सेदारी को लेकर आने वाले वक्त में कुछ बड़ा ऐलान कर सकता है.

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