असम के वज़ीरे आला हिमंत बिस्व सरमा ने कई ट्वीट कर नोर्थ इस्ट के दोनों रियासतों के बीच सरहदी विवाद को सुलझाने में मिजोरम के वज़ीरे आला जोरमथंगा की कोशिशों की सराहना की.
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गुवाहाटी: असम के वज़ीरे आला हिमंत बिस्व सरमा ने सोमवार को कहा कि उन्होंने पुलिस को मिजोरम के सांसद के. वनललवेना के खिलाफ प्राथमिकी वापस लेने का हुक्म दिया है. सरमा ने हालांकि कहा कि कछार जिला में लैलापुर में अंतरराज्यीय सीमा के पास भीषण गोलीबारी की घटना में मुबैय्यना तौर पर मुलव्विस होने के लिए मिजोरम के छह सरकारी ऑफिसरों के खिलाफ दर्ज मामलों में जांच जारी रहेगी.
सरमा ने कई ट्वीट कर नोर्थ इस्ट के दोनों रियासतों के बीच सरहदी विवाद को सुलझाने में मिजोरम के वज़ीरे आला जोरमथंगा की कोशिशों की सराहना की. सरमा ने कहा, 'मैंने मीडिया में माननीय वज़ीरे आला जोरामथंगा के बयानों को देखा है जिसमें उन्होंने सीमा विवाद को पुरअमन तरीके से सुलझाने की इच्छा जताई है. असम हमेशा से नोर्थ इस्ट की भावना को जिंदा रखना चाहता है.'
उन्होंने कहा कि असम अपनी सरहदों के पास अमन को यकीनी बनाने के लिए भी पाबंदे अहद है. सरमा ने कहा, 'इस नेक नीयती को आगे बढ़ाते हुए मैंने असम पुलिस को मिजोरम से राज्यसभा सांसद के. वनललवेना के खिलाफ दर्ज एफआईआर वापस लेने का हुक्म दिया है. दूसरे मुलजिम पुलिस अधिकारियों के खिलाफ मामले जारी रहेंगे.'
He was not in that area on that day. We had booked him only for provocative statements https://t.co/5UcGIM9H8B
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) August 2, 2021
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गौरतलब है कि असम पुलिस की एक टीम पिछले हफ्ते नई दिल्ली गई थी और वनललवेना के मुबैय्यना बयान को लेकर उनके आवास के दरवाजे पर पूछताछ के लिए एक सम्मन चिपकाया था, जिसमें उन्होंने मिजोरम की सरहद पार करने पर और अधिक कर्मियों को मारने की धमकी दी थी. असम पुलिस ने 28 जुलाई को कोलासिब जिले के डिप्टी कमिश्नर और पुलिस ऑफिसर समेत मिजोरम हुकूमत के छह अधिकारियों को भी समन जारी किया और उन्हें सोमवार को ढोलई पुलिस थाने में पेश होने का हुक्म दिया था.
वहीं, सरहद पर गोलीबारी की घटना के बाद मिजोरम पुलिस ने भी सरमा और असम के छह अधिकारियों के खिलाफ कत्ल की कोशिश और मुजरिमाना साजिश समेत कई आरोपों में 26 जुलाई को वैरेंगटे पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज की है. मिजोरम के चीफ सेक्रेटरी लालनुनमाविया चुआंगो ने रविवार को कहा कि उनकी हुकूमत सरमा के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी वापस लेने के लिए तैयार थी क्योंकि जोरामथांगा ने इसे मंजूरी नहीं दी थी.
याद रहे कि नोर्थ इस्ट के दोनों राज्यों के बीच जारी सरहदी विवाद की वजह से 26 जुलाई को हुए संघर्ष में असम पुलिस के कम से कम छह कर्मियों और एक आम नागरिक की मौत हो गई थी और 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे. कछार जिले में असम-मिजोरम सरहद पर सोमवार को शांति रही. सीनियर अधिकारियों ने बताया कि नेशनल हाइवे-306 पर बड़ी तादाद में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों के गश्त लगाने की वजह से लैलापुर और उसके आसपास, संघर्ष की जगह, अंतरराज्यीय सीमा के पास सूरते हाल शांतिपूर्ण बनी हुई है.
(इनपुट- भाषा)
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