World Book Day 2022: आज वर्ल्ड बुक डे है और इस मैके पर हम आपको ऐसी किताबों के बारे में बताने वाले हैं जो भारत में पूरी तरह से बैन की गई हैं. यानी कोई भी शख्स ना तो इन्हें बेच सकता है और ना ही पब्लिश कर सकता है.
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World Book Day 2022: किताबें हमें ना सिर्फ हमें ज्ञान देने का काम करती हैं बल्कि हमारे दिमाग का विकास और सोचने के अंदाज को भी प्रभावित करती हैं. आज वर्ल्ड बुक डे है और इस मौके पर हम आपको ऐसी 5 किताबों के बारे में बताने वाले हैं जो भारत में बैन हैं. यानी इन किताबों को आप ना पब्लिश कर सकते हैं और ना ही बेच सकते हैं. आइये जानते हैं
द फेस ऑफ मदर इंडिया (The Face of Mother India)
इस किताब को 1990 में लंदन में हैमिश हैमलटन पब्लिकेशन में पब्लिश किया गया था. किताब को कैथरीन मेयो ने लिखा था. इस किताब में कैथरिन ने कहा था कि भारत स्वराज के काबिल नहीं है. इस बुक को बाहर से भारत लाने पर भी बैन लगा हुआ है.
हिंदू हैवन
इस किताब को 1990 में फरार एंड राइनहार्ट पब्लिकेशन में छापा गया था. किताब के लेखक मैक्स वाइली हैं. इस बुक में भारत में अमेरिकन मिशनरी के काम करने पर लिखा गया है और इसे इसलिए बैन किया गया क्योंकि लोगों को लगा कि इसमें सब चीज़ें बढ़ा चढ़ा कर लिखी गई हैं.
अंगारे
इस किताब को सज्जाद ज़हीर और अहमद अली ने लिखा था. इस किताब का सेल्फ पब्लिकेशन में 1932 में छापा गया था. इस किताब को लेकर भारत के मुसलमानों के बीच काफी आक्रोश था. कई लोगों का ऐसा मानना था कि इस किताब को इसलिए बैन कर दिया क्योंकि मुसलमानों के बीच धार्मिक कट्टरता और पित्रसत्ता को इस किताब ने चुनौती दी थी.
लेडी चैटर्लीज लवर
इस किताब को डीएच लॉरेंस ने लिखा है और यह 1928 में इटली में पब्लिश हुई थी. इस किताब में एक महिला का किस्सा है जिसका पति पैरों के नीचे से पैरालाइड होता है जिसके बाद उस महिला का एक्सट्रामैरिटल अफेयर हो जाता है. इस किताब को ब्रिटिश राज में बैन किया गया था जिसके बाद से अभी तक यह बैन है.
नाइन आर्स टू रामा (Nine Hours to Rama)
इस किताब को लिखने वाले स्टेनली वोलपर्ट हैं, वहीं किताब की पब्लिकेशन 1962 में हुई थी. इस किताब में लिखा था कि महात्मा गांधी की हत्या का कारण उनकी सुरक्षा में चूक थी. इस किताब में बताया गया है कि जिस दिन महात्मा गांधी की हत्या हुई उस दिन ग्रह मंत्रालय ने उनकी सुरक्षा में ढील दी थी.