Nitish Kumar: लोकसभा चुनाव 2019 से पहले जिस तरह विपक्षी दलों के एक साथ आने की कवायद चल रही थी, ठीक उसी तरह 2024 से पहले विपक्षी पार्टियों ने इकट्ठा होना शुरू कर दिया. बताया जा रहा है कि 12 जून को बिहार की राजधानी में नीतीश कुमार अपनी ताकत का प्रदर्शन करेंगे.
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Nitish Kumar: लोकसभा चुनाव 2024 में नीतीश कुमार (Nitish Kumar) का किरदार बेहद अहम नजर आ रहा है. विपक्षी दलों को इकट्ठा करने में भी लिए नीतीश कुमार के भूमिका काफी अहम मानी जा रही है. पिछले दिनों कई पार्टियों के नेताओं से मुलाकात के बाद खबर आ रही है कि जल्द ही बिहार की राजधानी पटना में तमाम विपक्षी पार्टियों का जमावड़ा जमने वाला है. जी हां भाजपा विरोधी तमाम पार्टियां 12 जून को पटना में इकट्ठी होने वाली हैं. इसकी जानकारी खुद नीतीश कुमार ने एक मीटिंग के दौरान दी है.
पिछले लोकसभा चुनाव में भी विपक्षी पार्टियों के एकजुट होने की चर्चाएं चल रही थी लेकिन जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आए तो सभी पार्टियों बिखर सी गई और अलग-अलग राग अलापने लगीं थी. आखिर चंद पार्टियों ने ही हाथ मिलाकर चुनाव लड़ा था. अब एक बार फिर पिछले चुनाव की तरफ विपक्ष को इकट्ठा करने की कोशिश तब से हो रही है जबसे नीतीश कुमार ने बिहार में भाजपा का साथ छोड़कर आरजेडी और कांग्रेस जैसी पार्टियों के साथ सरकार बनाई है.
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खबरों के मुताबिक बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) की रविवार को हुई मीटिंग से इशारे मिले हैं कि भाजपा विरोधी पार्टियों की बहुप्रतीक्षित बैठक यहां 12 जून को हो सकती है. हालांकि जदयू के किसी भी सीनियर अफसर ने आधिकारिक रूप से इसकी तस्दीक या खंडन नहीं किया, लेकिन बैठक में मौजूद कई लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि यह खुलासा खुद मुख्यमंत्री ने किया है.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पिछले साल अगस्त में भाजपा से नाता तोड़ने के बाद से "विपक्षी एकता" की वकालत कर रहे हैं. बिहार में सत्ताधारी "महागठबंधन" का नेतृत्व कर रहे नीतीश कुमार 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर अरविंद केजरीवाल, ममता बनर्जी, अखिलेश यादव जैसे भाजपा विरोधी नेताओं से मुलाकात कर चुके हैं.जदयू, राजद, कांग्रेस, वामपंथी पार्टियां और कुछ अन्य दल महागठबंधन के घटक हैं.
दरअसल, पटना में विपक्षी नेताओं की एक बैठक आयोजित करने का विचार ममता बनर्जी ने दिया था. "विपक्षी एकता" मुहिम के हिस्से के रूप में, नीतीश कुमार ने न सिर्फ उद्धव ठाकरे और शरद पवार जैसे कांग्रेस के सहयोगियों के साथ, बल्कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव जैसे अपने विरोधियों के साथ भी बातचीत की है.
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