1 सितंबर से महंगे हो जाएंगे इन कंपनियों के यात्री वाहन, आखिर क्यों बढ़ रही हैं कारों की कीमतें ?
Advertisement
trendingNow,recommendedStories0/zeesalaam/zeesalaam976726

1 सितंबर से महंगे हो जाएंगे इन कंपनियों के यात्री वाहन, आखिर क्यों बढ़ रही हैं कारों की कीमतें ?

देश की प्रमुख कर कंपनी ने इस साल जनवरी और अप्रैल में पहले ही दो बार दाम बढ़ा चुकी है, इसलिए यह इस साल इसकी तीसरी वृद्धि होगी.

फॉक्सवैगन पोलो

मुंबईः जर्मनी की कार निर्माता कंपनी फॉक्सवैगन ने मंगलवार को कहा कि वह एक सितंबर से हैचबैक पोलो और मध्यम आकार की सेडान वेंटो की कीमतों में तीन प्रतिशत तक की बढ़ोतरी करेगी. वहीं इससे पहले मारूति सुजुकी इंडिया ने भी अपने सभी माॅडल्स की कीमतों में इजाफे का ऐलान कर चुकी है. फॉक्सवैगन पैसेंजर कार्स इंडिया ने कहा कि कीमतों में बढ़ोतरी बढ़ती लागत के कारण की गई है. पोलो और वेंटो के सभी संस्करणों में मूल्य वृद्धि क्रमशः तीन प्रतिशत और दो प्रतिशत तक होगी. हालांकि कंपनी ने कहा है कि कीमत में वृद्धि पोलो कारलाइन के जीटी संस्करण पर लागू नहीं होगी. जिन ग्राहकों ने 31 अगस्त तक अपने वाहन बुक करा लिए हैं, उन पर मूल्य वृद्धि का असर नहीं पड़ेगा.

मारुति सुजुकी एक साल में तीसरी बार बढ़ाएगी कारों की कीमत 
देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी, मारुति सुजुकी इंडिया भी एक (एमएसआई) सितंबर से एक बार फिर से वाहनों की कीमतों में बढ़ोतरी करने जा रही है. कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को कहा है कि कंपनी प्रत्येक मॉडल पर मूल्य वृद्धि को लेकर काम कर रही है.देश की प्रमुख कर कंपनी ने इस साल जनवरी और अप्रैल में पहले ही दो बार दाम बढ़ा चुकी है, इसलिए यह इस साल इसकी तीसरी वृद्धि होगी. कंपनी ने सोमवार को शेयर बाजारों को अगले महीने से कारों के दाम बढ़ाने की जानकारी दी है.

क्यों बढ़ रही है कीमतें ?
एमएसआई के वरिष्ठ कार्यकारी निदेशक (बिक्री और विपणन) शशांक श्रीवास्तव ने बताया कि जनवरी में हमने कीमतों में मामूली 1.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी की, कुल मिलाकर, कंपनी पहले ही लगभग 3.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर चुकी है, लेकिन यह वृद्धि भी जिंस कीमतों और सामग्री की लागत की भरपाई करने के लिए पर्याप्त नहीं है. हम सितंबर में कीमतों में एक और बढ़ोतरी करने के लिए मजबूर हैं. शशांक श्रीवास्तव ने कहा कि स्टील की कीमतें पिछले साल के 38 रुपये प्रति किलो से इस साल मई-जून में 65 रुपये प्रति किलो हो गई हैं. इसी तरह तांबे की कीमतें 5,200 अमेरिकी डॉलर प्रति टन से दोगुनी होकर 10,000 डॉलर प्रति टन हो गई हैं. ऐसे में इसका भार ग्राहकों पर डालने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं बचता है. 

Zee Salaam Live Tv

Trending news