शायरी के माध्यम से हम न सिर्फ अपनी भावनाओं को व्यक्त कर सकते हैं, बल्कि दूसरों की भावनाओं को भी समझ सकते हैं. यह एक ऐसा सशक्त माध्यम है जो भाषा की सीमाओं को पार कर जाता है.
उस के चेहरे की चमक के सामने सादा लगा, आसमाँ पे चाँद पूरा था मगर आधा लगा
न पूछो हुस्न की तारीफ़ हम से, मोहब्बत जिस से हो बस वो हसीं है
आइना देख के कहते हैं सँवरने वाले, आज बे-मौत मरेंगे मिरे मरने वाले
तेरी सूरत से किसी की नहीं मिलती सूरत, हम जहाँ में तिरी तस्वीर लिए फिरते हैं
हसीं तो और हैं लेकिन कोई कहाँ तुझ सा, जो दिल जलाए बहुत फिर भी दिलरुबा ही लगे
ऐ सनम जिस ने तुझे चाँद सी सूरत दी है, उसी अल्लाह ने मुझ को भी मोहब्बत दी है
वो चाँद कह के गया था कि आज निकलेगा, तो इंतिज़ार में बैठा हुआ हूँ शाम से मैं
फूल गुल शम्स ओ क़मर सारे ही थे, पर हमें उन में तुम्हीं भाए बहुत
सुना है उस के बदन की तराश ऐसी है, कि फूल अपनी क़बाएँ कतर के देखते हैं
इलाही कैसी कैसी सूरतें तू ने बनाई हैं, कि हर सूरत कलेजे से लगा लेने के क़ाबिल है
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