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रूठी हुई माशू़का आ जाएगी वापस, सुनाएं ये दिल को लुभाने वाली 10 शायरी

शायरी के माध्यम से हम न सिर्फ अपनी भावनाओं को व्यक्त कर सकते हैं, बल्कि दूसरों की भावनाओं को भी समझ सकते हैं. यह एक ऐसा सशक्त माध्यम है जो भाषा की सीमाओं को पार कर जाता है. 

इफ़्तिख़ार नसीम

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इफ़्तिख़ार नसीम

उस के चेहरे की चमक के सामने सादा लगा, आसमाँ पे चाँद पूरा था मगर आधा लगा   

 

आदिल फ़ारूक़ी

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आदिल फ़ारूक़ी

न पूछो हुस्न की तारीफ़ हम से, मोहब्बत जिस से हो बस वो हसीं है   

 

दाग़ देहलवी

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दाग़ देहलवी

आइना देख के कहते हैं सँवरने वाले, आज बे-मौत मरेंगे मिरे मरने वाले   

 

इमाम बख़्श नासिख़

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इमाम बख़्श नासिख़

तेरी सूरत से किसी की नहीं मिलती सूरत, हम जहाँ में तिरी तस्वीर लिए फिरते हैं   

 

बशीर बद्र

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बशीर बद्र

हसीं तो और हैं लेकिन कोई कहाँ तुझ सा, जो दिल जलाए बहुत फिर भी दिलरुबा ही लगे   

 

हैदर अली आतिश

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हैदर अली आतिश

ऐ सनम जिस ने तुझे चाँद सी सूरत दी है, उसी अल्लाह ने मुझ को भी मोहब्बत दी है   

 

फ़रहत एहसास

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फ़रहत एहसास

वो चाँद कह के गया था कि आज निकलेगा, तो इंतिज़ार में बैठा हुआ हूँ शाम से मैं   

 

मीर तक़ी मीर

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मीर तक़ी मीर

फूल गुल शम्स ओ क़मर सारे ही थे, पर हमें उन में तुम्हीं भाए बहुत   

 

अहमद फ़राज़

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अहमद फ़राज़

सुना है उस के बदन की तराश ऐसी है, कि फूल अपनी क़बाएँ कतर के देखते हैं   

 

अकबर इलाहाबादी

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अकबर इलाहाबादी

इलाही कैसी कैसी सूरतें तू ने बनाई हैं, कि हर सूरत कलेजे से लगा लेने के क़ाबिल है