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90s में पैदा हुए हैं आप, तो इन चीजों को देख कर याद आ जाएगा बचपन

अगर आप 90 के दशक में पैदा हुए हैं तो आपने इन चीजों का इस्तेमाल ज़रूर किया होगा. यह सभी चीजें 90 के दशक में जनमें लोगों की मनपसंद हुआ करती थी. आइये आपको लेकर चलते हैं आपके बचपन के दौर में.

टिक-टिक

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टिक-टिक

यह लोहे का बना समान आपने बचपन में इस्तेमाल तो जरूर किया होगा. उस दौर में इसकी कीमत 1 रुपया होती थी, और यह टिक-टिक की आवाज निकालता था. कुछ लोग इसे मेंढ़क कहते थे तो कुछ इसे टिक-टिक. शायद ही कोई ऐसा बच्चा रहा होगा जिसने इसे सड़क पर जाते हुए ना बजाया हो.

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पोपिन्स

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पोपिन्स

पोपिन्स ऐसी चीज थी जिसे उस वक्त के बच्चे पैसा बचा कर खरीदते थे. पोपिन्स के पैकेट में कई रंगबिरंगी गोलिया निकलती थी, जिनका सभी का अलग स्वाद होता था.

पटाखों वाली बंदूक

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पटाखों वाली बंदूक

बचपन में हम सभी ने यह तस्वीर में दिख रही बंदूक तो इस्तेमाल की ही है. इस बंदूक में छोटे-छोटे पटाखे लगते थे, जिनकी एक डिब्बी मात्र एक रुपये की आती थी. इस डिब्बी में छोटे-छोटे बहुत सारे पटाखे हुआ करते थे.

गुरू चेला

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गुरू चेला

यह गुनाहे अजीम कहलाएगा अगर कोई इंसान यह कहेगा कि उसमे बचपन में गुरु चेला नहीं खाया. उस दौर में गुरू चेले की कीमत एक रुपया होती थी. इसके पैकेट में लाल रंग की गोलिया निकलती थी. जो ऐसे रंग छोड़ती थीं कि हाथ और मुंह दोनों लाल हो जाते थे.

 

मारियो गेम

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मारियो गेम

मारियो गेम शायद ही किसी बच्चे ना खेला हो. जिनके घर में यह गेम नहीं होता था वो दुकान पुर खेलते थे, या फिर किसी दोस्त के यहां जाकर. इस गेम के साथ एक और गेम कैसेट आता था. जिसमें चिड़िया मारनी होती थी.

टेक्केन

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टेक्केन

टेक्केन का जब भी जिक्र आता है तो हमें याद आता है वह लकड़ी का बोक्स जिसमें टीवी रखा रहता था और उस पर बटन और एक हैंडल लगा होता था. टेक्केन खेलने के लिए 1 रुपये में टोकन मिला करता था जिसे मशीन में डालकर प्लेयर गेम खेलता था.