हमेशा व्हील चेयर पर चलने वाली सांसद प्रज्ञा ठाकुर स्वास्थ्य के आधार पर जमानत पर बाहर चल रही है, लेकिन उनका वीडियो वायरल होने के बाद कांग्रेस ने उनपर तंज किया है.
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भोपालः भारतीय जनता पार्टी की भोपाल से सांसद प्रज्ञा ठाकुर अपने बयानों को लेकर हमेशा विवादों में रहती हैं. हालांकि कुछ दिनों से वह अपना व्हील चेयर छोड़कर चलने-फिरने पर भी चर्चाओं में आ जाती हैं. इासकी वजह यह है कि उनपर साल 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में मुकदमा चल रहा है. वह इस केस में जेल में थीं और मेडिकल ग्राउंड पर उन्हें जमानत दी गई है. प्रज्ञा ठाकुर तवील अरसे से व्हीलचेयर पर चलती हैं. लेकिन अभी हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वायरल वीडियो में कथित तौर पर वह कबड्डी खेलती दिखाई दे रही हैं, जिसे लेकर कांग्रेस ने उनपर निशाना साधा है. एक अन्य वीडियो में वह चल रहे नवरात्रि उत्सव में गरबा डांस करती नजर आ रही हैं.
सांसद जी की कबड्डी…. pic.twitter.com/v97HpwF9bd
— Narendra Saluja (@NarendraSaluja) October 13, 2021
"हमारी सांसद जी बगैर सहारे के खड़ी नहीं हो सकती हैं’’
मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता नरेंद्र सिंह सलूजा ने ट्विटर पर प्रज्ञा का वीडियो साझा किया और लिखा, ‘‘कौन झूठा, यह झूठ बोलता है कि हमारी सांसद जी बगैर सहारे के खड़ी नहीं हो सकती हैं, चल नहीं सकती हैं, व्हीलचेयर पर चलती हैं? वो पूरी तरह सेहतमंद हैं, वो गरबा भी करती हैं, बास्केटबॉल भी खेलती हैं, ढोल पर थिरक भी लेती हैं..... ईश्वर उन्हें सदैव स्वस्थ रखे....’’
भोपाल की सांसद के अलग-अलग चेहरे हैं
प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने कहा, ‘‘ भोपाल की सांसद के अलग-अलग चेहरे हैं. कभी वो व्हीलचेयर पर नजर आती हैं तो कभी गरबा और कबड्डी भी खेलती हैं. उनके कई चेहरे हैं.’’ गुप्ता ने सवाल किया, ‘‘मध्यप्रदेश के लोग जानना चाहते हैं कि उनका कौन सा चेहरा सही है- गरबा या कबड्डी खेलने वाला या व्हीलचेयर के सहारे चलने वाले का ?’’
सांसद की बहन ने किया प्रज्ञा ठाकुर का बचाव
सांसद का बचाव करते हुए उनकी बड़ी बहन उपमा ठाकुर ने कहा है कि वह रीढ़ की हड्डी के समस्या से पीड़ित हैं. उन्होंने कहा, ‘‘आप नहीं जानते कि किस क्षण उसके लिए यह समस्या पैदा कर सकता है. उसकी एल 4 और एल 5 (रीढ़ की हड्डी) विस्थापित होने से उसे यह समस्या है क्योंकि एटीएस महाराष्ट्र (जांचकर्ताओं) ने उसे फर्श पर पटक दिया था.’’ उपमा ने कहा, ‘‘जब भी उसे ये समस्या होती है तो उसका (उसके शरीर का) निचला हिस्सा बिना किसी संवेदना के रह जाता है.’’ यह तब भी हो सकता है, जब वह बैठती है या किसी वाहन से उतरती है’’
9 साल जेल में रह चुकीं हैं प्रज्ञा ठाकुर
मालूम हो कि 51 वर्षीय भाजपा सांसद मालेगांव विस्फोट मामले में स्वास्थ्य के आधार पर जमानत पर बाहर हैं और उन्होंने अपनी शारीरिक स्थिति का हवाला देते हुए निचली अदालत में व्यक्तिगत पेशी से छूट मांगी थी. वह लगभग नौ साल तक जेल में रही और 2017 में उन्हें जमानत मिल गई है. प्रज्ञा के खिलाफ दर्ज मामला 29 सितंबर 2008 को महाराष्ट्र के मालेगांव में हुए बम विस्फोटों से संबंधित है. इसमें कम से कम छह लोगों की मौत हो गई थी.
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