Former IAS Pooja Khedkar: IAS पूजा खेडकर पर कई गंभीर इल्जाम लगने के बाद UPSC ने उनकी उम्मीदवारी रद्द कर दिया है. अब 6 अफसरों की कभी भी अफसरी जा सकती है. पूरी खबर पढ़ने के लिए नीचे स्क्रॉल करें.
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Former IAS Pooja Khedkar: पूर्व ट्रेनी IAS पूजा खेडकर पर धांधली, फर्जीवाडें और जालसाजी जैसे गंभीर इल्जाम लगे थे, जिसके बाद UPSC ने उनकी उम्मीदवारी रद्द करते हुए भविष्य में किसी भी एग्जाम देने पर भी बैन लगा दिया. अब 6 और अफसरों की मुसीबत बढ़ गई है, अगर जांच में इल्जाम सही साबित होते हैं, तो पूजा खेडकर के जैसे इन 6 अफसरों की भी अफसरी जा सकती है. यानी सरकार उन्हें नौकरी से बर्खास्त कर सकती है.
क्या है पूरा मामला
पूजा खेडकर का मामला सामने आने के बाद कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने 6 दूसरे अधिकारियों के मेडिकल प्रमाण पत्रों की जांच शुरू कर दी है. जराए के मुताबिक, जिन अधिकारियों के प्रमाण पत्रों की जांच की गई है, उनके नाम और सर्टिफिकेट पिछले कई दिनों से सोशल मीडिया साइट पर शेयर किए जा रहे थे. सोशल मीडिया पोस्ट वायरल होने के बाद अब कुछ प्रोबेशनर्स और कुछ सेवारत अधिकारियों के विकलांगता सर्टिफिकेट जांच के दायरे में आ गए हैं.
पूजा खेडकर की UPSC क्यों की नियुक्ति रद्द
गौरतलब है कि 18 जुलाई को यूपीएससी ने इस संबंध में पूजा खेडकर को कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा था कि उसने फर्जी तरीके से अपनी पहचान बदलकर यूपीएससी की परीक्षा में तय सीमा से अधिक बार कैसे हिस्सा लिया? उसे जवाब देने के लिए 25 जुलाई तक का समय दिया गया था, हालांकि पूजा ने 4 अगस्त तक का समय मांगा था, जिस पर यूपीएससी ने उसे 30 जुलाई दोपहर 3:30 बजे तक का समय दिया था, ताकि वह अपना पक्ष रख सके, लेकिन इसके बावजूद पूजा ने अपना पक्ष नहीं रखा और यूपीएससी ने उसकी नियुक्ति रद्द कर दी.
UPSC भी खा गया धोखा
यूपीएससी के मुताबिक पूजा खेडकर का मामला सिर्फ ऐसा मामला है, जिसमें यूपीएससी उनके दावे की पहचान नहीं कर सका, क्योंकि पूजा ने न सिर्फ अपना नाम बल्कि अपने माता-पिता का नाम भी बदल लिया था. यूपीएससी ने कहा है कि उसके पास उपलब्ध दस्तावेजों की शुरुआती जांच से यह स्पष्ट हो गया है कि पूजा खेडकर ने सिविल सेवा परीक्षा यानी सीएसई-2022 के नियमों का उल्लंघन किया है.