हिमाचल के साथ असम और बंगाल में भी कांग्रेस को बड़ा झटका, दो नेताओं ने छोड़ी पार्टी
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हिमाचल के साथ असम और बंगाल में भी कांग्रेस को बड़ा झटका, दो नेताओं ने छोड़ी पार्टी

Crisis in Congress: राणा गोस्वामी ने असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है, वहीं पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस कमेटी की सदस्यता से भी एक सिनियर नेता ने इस्तीफा दे दिया है. 

राणा गोस्वामी और कौस्तव बागची

गुवाहाटी/कोलकाताः हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार पर मंडरा रहे संकट के साथ ही पश्चिम बंगाल और असम में भी कांग्रेस को करारा झटका लगा है. इन दो राज्यों में कांग्रेस के बड़े नेता ने अपने पद और पार्टी से इस्तीफा दे दिया है.असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष राणा गोस्वामी ने बुधवार को अपना इस्तीफा दे दिया. वहीं, पश्चिम बंगाल में कांग्रेस नेता और वकील कौस्तव बागची ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता के साथ-साथ पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस कमेटी की सदस्यता से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे दिया है. 

असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष राणा गोस्वामी ने कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल को लिखे पत्र में लिखा, “मैं यह कहना चाहता हूं कि मैं असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सक्रिय सदस्य के रूप में अपना इस्तीफा दे रहा हूं." 

इससे पहले 14 फरवरी को असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा था कि कांग्रेस के चार विधायकों ने राज्य सरकार को अपना समर्थन दिया है.
“दो कांग्रेस विधायकों बसंत दास और कमलाख्या डे पुरकायस्थ ने असम सरकार को अपना समर्थन दिया था. इससे पहले, दो कांग्रेस विधायकों शशिकांत दास और सिद्दीकी अहमद ने राज्य सरकार को अपना समर्थन दिया था. अब तक, चार कांग्रेस विधायकों ने असम सरकार को अपना समर्थन दिया है. हिमंत बिस्वा सरमा ने दावा किया था कि आने वाले दिनों में, सभी विपक्षी विधायक सरकार को अपना समर्थन देंगे.  

कौस्तव बागची ने कांग्रेस पर लगाए गंभीर इल्जाम 
पश्चिम बंगाल कांग्रेस नेता और वकील कौस्तव बागची ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता के साथ-साथ पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस कमेटी की सदस्यता से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा देने के बाद कहा कि मेरा मानना है कि हमारे टॉप नेतृत्व द्वारा टीएमसी के साथ गठबंधन बनाने की अपील सिर्फ कुछ संकीर्ण हितों और/या कुछ नेताओं और उनके सहयोगियों के लाभ के लिए कांग्रेस पार्टी के उन वफादार सैनिकों की बेइज्जती है. ..बिना किसी हिचकिचाहट के, मैं दृढ़ता से कह सकता हूं कि वर्तमान परिदृश्य में, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने अपना राजनीतिक चरित्र खो दिया है.’’

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