मौलाना कल्बे जवाद (Maulana Kalbe Jawad) ने कहा कि सभी लोग पीस कमेटी की मीटिंग में शामिल हों और मोहर्रम भी पूरे शान और शौकत से मनाएं.
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लखनऊ/अहमर हुसैन रिज़वी: उत्तर प्रदेश में पिछले कई दिनों से मोहर्रम को लेकर जारी किए गए सर्कुलर पर मचा बवाल अब थमता दिखाई देने लगा है. यूपी पुलिस मुखिया के गोपनीय पत्र के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद से ही शिया धर्मगुरुओं में काफी नाराज़गी देखी जा रही थी. शिया समुदाय ने सर्कुलर में इस्तेमाल हुए शब्दों पर ऐतराज़ जताया था जिसके बाद से सभी ने मोहर्रम से पहले होने वाली पीस मीटिंग के बहिष्कार का ऐलान किया था. हालांकि डीजीपी से मौलाना की बात होने के बाद वरिष्ठ शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद ने अपना बयान वापस ले लिया है.
सभी से पीस मीटिंग में शामिल होने कि अपील
यूपी के डीजीपी से फोन पर हुई शिया धर्मगुरु की बातचीत के बाद मौलाना ने वीडियो संदेश जारी कर अपने बयान वापस लेने का ऐलान किया है. मौलाना ने कहा कि सभी लोग पीस कमेटी की मीटिंग में शामिल हों और मोहर्रम भी पूरे शान और शौकत से मनाएं. मौलाना कल्बे जवाद ने कहा कि डीजीपी ने उन्हें आश्वासन दिया है कि इस तरह का सर्कुलर अब आगे नहीं जारी होगा. मौलाना ने सभी से अमन और शांति बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि सभी इस बात का ख्याल रखें कि ऐसी कोई बात न कि जाए कि उससे मोहर्रम पर असर पड़े.
रविवार को शिया पर्सनल लॉ बोर्ड जाएगा विरोध
ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड ने भी डीजीपी के गोपनीय पत्र पर ज़बरदस्त ऐतराज़ जताया है. बोर्ड के प्रवक्ता और महासचिव मौलाना यासूब अब्बास ने प्रदेश के सभी ताजियादरों से रविवार 8 अगस्त को डीजीपी के खिलाफ हर ज़िले में डीएम को ज्ञापन देकर अपने विरोध दर्ज कराने की अपील की है. हालांकि अब देखना होगा कि मौलाना कल्बे जवाद के बयान के बाद क्या शिया पर्सनल लॉ बोर्ड भी अपना कार्यक्रम रद्द करता है.
शियाओं के जज़्बात का रखा जाय ख्याल-नूरी
मौलाना कल्बे जवाद के इस एलान के बाद मरहूम मौलाना डॉक्टर कल्बे सादिक़ के बेटे डॉक्टर कल्बे सिबतैन नूरी का भी बयान सामने आया है. उन्होंने अपने जारी किए हुए बयान में कहा कि मोहर्रम के सिलसिले में शिया समुदाय के जज़्बात को जो ठेस पहुंची थी लेकिन अफ़सोस की बात है कि अभी तक न लिखित न ही मौखिक किसी भी तरह से कोई खेद व्यक्त नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि मेरी मौलाना सैफ अब्बास से और मौलाना यासूब अब्बास से बात हुई है, इस मसअले पर हम तीनों की राय यही है कि जब तक खेद व्यक्त नहीं किया जाता उस वक़्त तक बात करने का कोई औचित्य नहीं बनता लिहाज़ा हम लोग फिलहाल बातचीत का बायकाट जारी रखेंगे नूरी ने कहा कि अगर खेद व्यक्त कर दिया गया और नई आने वाली गाइडलाइन में शियों के जज़्बात का ख्याल रखा गया तो आगे रास्ते खुले हैं.
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