NCB के पूर्व जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े को जाति प्रमाण पत्र के मामले में क्लीन चिट मिल गई है. जांच कमेटी ने अपने फैसले दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कमेटी ने कहा कि समीर वानखेड़े जन्म से मुसलमान नहीं हैं.
Trending Photos
मुंबई: महाराष्ट्र सरकार ने शनिवार को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के मुंबई क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े को मंजूरी दे दी, जिन पर सरकारी नौकरी के लिए कथित रूप से फर्जी जाति प्रमाण पत्र जमा करने का आरोप था.
सरकार का यह आदेश मुंबई जिला जाति जांच समिति द्वारा लगभग सात महीने तक इस मामले की जांच करने और आईआरएस अधिकारी को क्लीन चिट देने के बाद आया है, जो वर्तमान में चेन्नई में तैनात है.
पैनल ने निष्कर्ष निकाला है कि वानखेड़े जन्म से मुस्लिम नहीं हैं और वह महार समुदाय से हैं जो अनुसूचित जाति है. महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता नवाब मलिक - वर्तमान में हिरासत में - ने पहले अशोक कांबले, मनोज संसारे और संजय कांबले जैसे अन्य कार्यकर्ताओं के साथ इस मुद्दे को उठाया था.
आधिकारिक आदेश के अनुसार, यह साबित नहीं हुआ है कि वानखेड़े और उनके पिता ज्ञानदेव वानखेड़े ने इस्लाम में परिवर्तित होने के लिए हिंदू धर्म का त्याग किया था और वे दोनों महार 37 अनुसूचित जाति के थे और इस मामले में उनके खिलाफ दायर सभी शिकायतों को खारिज कर दिया.
इसके तुरंत बाद, वानखेड़े ने ट्वीट किया - 'सत्यमेव जयते' - 'सत्य की जीत' का प्रतीक और कहा कि इस मामले के कारण उन्हें और उनके परिवार को बहुत आघात लगा है.
अशोक कांबले के वकील, वकील नितिन सतपुते ने कहा कि पिछले साल दायर एक रिट याचिका में वानखेड़े की जाति का मुद्दा बॉम्बे हाईकोर्ट में पहले से ही चुनौती के तहत है.
यह भी पढ़ें: सलमान रुश्दी का क्या है भारत से संबंध; उनकी किताब पर क्यों मचा था दुनियाभर में बवाल ?
उन्होंने कहा, "जाति जांच समिति से हमें ज्यादा उम्मीदें नहीं थीं, उच्च न्यायालय पर भरोसा है." सतपुते ने कहा, "नवीनतम आदेश के मद्देनजर अब हम अपनी याचिका में बदलाव करेंगे.. यह अंतिम नहीं है और हम उच्च न्यायालय से मामले की पूरी जांच के आदेश देने का अनुरोध करेंगे."
डीसीवीसीसी मुंबई अध्यक्ष अनीता मेश्राम, सचिव सुनीता माटे और सदस्य सलीमा तडवी द्वारा हस्ताक्षरित आदेश के अनुसार, "गैर आवेदक समीर ज्ञानदेव वानखेड़े जन्म से मुस्लिम नहीं हैं. यह साबित नहीं हुआ और गैर-आवेदक और उनके पिता ज्ञानदेव वानखेड़े ने हिंदू धर्म को त्याग दिया और विधिवत इस्लाम में परिवर्तित हो गए."
वानखेड़े ने बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत से उत्पन्न ड्रग्स के मामलों की जांच के बाद 2020 में सुर्खियों में आए थे, जिसमें कई फिल्मी हस्तियों को निशाना बनाया गया था.
अक्टूबर 2021 में उन्होंने बॉलीवुड मेगास्टार शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान की सनसनीखेज गिरफ्तारी को एक क्रूज जहाज पर सवार एक कथित ड्रग पार्टी पर छापेमारी के बाद अंजाम दिया, हालांकि आर्यन को बाद में एनसीबी से क्लीन चिट मिल गई. (आईएएनएस)
इसी तरह की और खबरों को पढ़ने के लिए Zeesalaam.in पर विजिट करें.